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अवैध प्लाटिंग की जांच, सिर्फ खानापूर्ति या सरकार कार्यवाही के मूड में,हाउसिंग बोर्ड में मकान खरीदने वाले चिंतित, बड़ी अवैध प्लाटिंग का रास्ता कॉलोनी का होगा ?

अवैध प्लाटिंग की जांच, सिर्फ खानापूर्ति या सरकार कार्यवाही के मूड में….?

भाटापारा जरा हटके। राजस्व विभाग की भली-भांति जानकारी में शहर व आसपास दो दशक में दर्जनों स्थानों पर तथाकथित अवैध प्लाटिंग का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। समय-समय पर शिकायतों पर जाने वाला सरकारी अमला जांच की खानापूर्ति कर फिर आंखों में पट्टी बांध लेता है।
हाल ही में कुछ शिकायतों पर जांच हेतु नगर निवेश की टीम ने नगर में दौरा किया अवैध प्लाट कटिंग के कुछ भूखंडों पर जांच भरी नजर फेरी, 3 को नोटिस भी जारी कर गैरकानूनी अवैध प्लाटिंग में लगे लोगों में सनसनी मचा दी ।पहले भी शिकायतें हुई, नोटिस भी आए और बात आई गई हो गई। अवैध प्लाटिंग के धंधे में समूचे राजस्व विभाग की जानकारी में ही सारे काम होते हैं। बिक्री नकल, नक्शा जारी करने, पंजीयन ,नामंत्रण, डायवर्सन अधिकारी राजस्व विभाग की जानकारी बिना संभव नहीं। ऐसे में यह कोई चोरी-छिपे गुपचुप करने जैसा कार्य तो नहीं है। अवैध प्लाटिंग के लिए कभी विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई क्या?

हाउसिंग बोर्ड में मकान खरीदने वाले चिंतित, बड़ी अवैध प्लाटिंग का रास्ता कॉलोनी का होगा ?

शहर में अनेक स्थानों पर बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग हो रही है और राजस्व विभाग को जानकारी ना होना संभव नहीं। यहां तक तहसील ऑफिस के पास हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी के पीछे भी प्लाट कटिंग जारी है। जिसमें रास्ता ही हाउसिंग बोर्ड का उपयोग किया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक कॉलोनी से रास्ते की परमिशन नहीं है और हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में बाउंड्री वाल बनने पर पीछे प्लाट लेने वाले कहां से आना जाना करेंगे। वही हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी में 25- 30 लाख के मकान खरीदने वाले भी चिंतित हैं कि पीछे बड़ी कॉलोनी जोड़ने से सड़क यातायात का दबाव बढ़ेगा।

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