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कोरोना के साथ डेगूं की बनेगा चुनौती

जौनपुर। जिले में कोरोना संक्रमण पहले ही बेकाबू हो चुका है। तमाम लोगों की जान ले चुका है। स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में नहीं आ पा रही। यही हाल रहा तो आने वाले समय में मौसमी बीमारियां फैलने से हालात और भी बिगड़ सकते हैं। मानसून आने के बाद से डेंगू और मलेरिया मच्छर का प्रकोप शुरू हो जाएगा। अकेले डेंगू ही हर साल 50 से ज्यादा लोगों की जान ले लेता है। बावजूद इसके   न तो डेंगू के जांच की सुविधा है और न ही इलाज।   यदि इस बार भी स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर सचेत नहीं हुआ तो फिर कई लोगों की जान इस मच्छरजनित बुखार से जाना तय है।  ं जिला अस्पताल में हर साल डेंगू वार्ड बना दिया जाता है, जहां आशंकित मरीज को भर्ती करने की सुविधा होती है।   घर-घर दस्तक अभियान चल रहा है, जिसमें आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीमें गांव-गांव जा रही हैं। वहां रहने वाले प्रत्येक घरों में ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही हैं, जिनमें कोरोना, डेंगू, मलेरिया या किसी अन्य बुखार के लक्षण हैं। इन्हें चिन्हित करने के बाद समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। यदि किसी गांव में संक्रामक रोग फैल रहा है तो उसकी तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करें। वहां टीम भेजी जाएगी। अभी तक डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला है। ज्ञात हो कि डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह के समय काटता है। डेंगू का प्रकोप जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। डेंगू का वायरस आमतौर पर प्लेटलेट्स कम कर देता है, जिससे ब्लीडिग होने लगती है।  डेंगू से बचाव के लिए घर और आसपास साफ-सफाई रखें। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। ऐसे में जरूरी है कि कूलर, टूटे बर्तन, टायर आदि स्थानों पर पानी को इकट्ठा न रहने दें। ऐसे बर्तनों को उलटा करके रख दें, ताकि इनमें पानी इकट्ठा न हो सके। मच्छर रोधी क्रीम लगाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरी बाजू की शर्ट या टी-शर्ट, लंबी पैंट और जूते-मौजे पहनकर ही बाहर जाएं।

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