कोरोना महामारी के दौरान महंगाई की मार गरीबो को पेट पालना हुआ मुश्किल
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। कोरोना महामारी के चलते जहां लोग परेशान है। वही महंगाई की मार ने लोगो को त्रस्त कर दिया है। इससे गरीबो के लिए अपना तथा परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है। इस समय सरसो का तेल हो या रिफाइण्ड या मसाला। दाल, चावल, चीनी समेत सभी सामानो के दामो मे उछाल आया है। लोग जहां एक तरफ बीमारी झेल रहे है। वही महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है। बताते चले कि होली का त्योहार बीतने के साथ ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो गई थी। इसकी रफ्तार इस कदर तेज व भयानक है कि लोगो में दहशत व्याप्त हो गई है। इस बीमारी से जहां मौतो का सिलसिला शुरू हो गया है। वही खाद्य पदार्थ के दाम प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। पिछले साल लाकडाउन में दुकानदारो के पास माल कम आने का बहाना था। वही इस साल व्यवसाय निर्वाध गति से चल रहा है। इसके बावजूद खाद्य पदार्थ के दाम लगातार बढ़ते जा रहे है। इस समय बाजार में सरसो की नई फसल आयी है। इसके बावजूद सरसो के तेल का दाम 30 से 40 रूपए प्रति किग्रा. तक बढ़ गया है। महंगाई का आलम यह है कि इस समय धनिया, जीरा, लाल मिर्च, गरी गोला, किशमिश समेत अन्य सामान करीब बीस फीसदी तक महंगे हो गए है। किराना व्यवसायी राजू का कहना है कि उन्हे थोक में ही सामान महंगा मिल रहा है। इसीलिए सामान महंगा करके बेचना मजबूरी है। गुटखा, पान मसाला तक का दाम बढ़ा हुआ है। विक्रेता चूने के पाउच तक का दाम बढ़ा दिए है। शहर के लोगो का कहना है कि बड़े व्यापारी सामान की कमी बताकर माल को महंगे दाम में उपलब्ध करा रहे है। जबकि लोगो का कहना है कि खाद्य पदार्थो की कालाबाजारी शुरू हो गई है। सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही ह। इससे व्यापारी मनमाने तरीके से सामानो का दाम बढ़ाते जा रहे है। कोरोना महामारी से बचने के लिए लोग इम्यूनिटी बढ़ाने में जुटे है। इससे भी खर्चा बढ़ गया है। ऐसे में रसोई का सामान महंगा हो जाने के कारण गरीबो के समक्ष पेट भरने की समस्या उत्पन्न हो गई है। साप्ताहिक लाकडाउन के कारण जहां लोगो का काम बंद है। वही खाद्य पदार्थ महंगा होने से आम आदमी त्रस्त्र हो गया है।