प्रभु के नाम मात्र से हो जाता है सभी दुखो का नाश: विवेश महाराज
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। जिनके नाम का सुमधुर संकीर्तन सभी पापो को नष्ट करने वाला है और जिनको प्रणाम करना सकल दुखो को नाश करने वाला है उन सर्वोत्तम श्री हरि के पाद पद्मो को प्रणाम करता हूं। कलियुग में इस महामंत्र का संकीर्तन करने मात्र से प्राणी मुक्ति के अधिकारी बन जाते है। उक्त उद्गार पं. विवेश प्रसाद शुक्ला जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन भक्तो को भक्ति रस वर्षा करते व्यक्त किया उन्होने कहा कि आज व्यक्ति इतना व्यस्त हो गया है कि व न परिवार को समय दे पा रहा है न धर्म को जबकि हमारे पूर्वजो ने अनेक कठिनाईयो के बाद भी धर्म की रक्षा की। इस अवसर पर शानदार झाकी मे कृष्ण रूक्मिणी की रूप में अंशिका व आयुषी तथा सुदामा के रूप विराट मिश्रा तथा दारपाल के रूप में अभय व विराज रहे। मुख्य यजमान निर्मला मिश्रा पत्नी स्व. वीरेन्द्र कुमार मिश्रा तथा उनके पुत्रो दीपक, पंकज, नीरज ने विधि विधान से पूजन कार्य किया। कार्यक्रम में आर्गन वादन श्याम दीक्षित, तबला वादन वंशी जपकर्ता मनोज, पूजा पाठ रूद्रेश व कोरम कर्ता कृष्ण तिवारी ने अलौकिक छटा बिखेरी। इस अवसर पर श्री भगवान महेश पाण्डेय, पवन भगवन, संतोष भगवन, गीता तिवारी, पुष्पा मिश्रा, प्रतिभा भगवन, शिल्पा मिश्रा, रेखा, सरिता, शशि, पिंकी, पप्पी, अनीता, मधु, अंजू, खुशी, ईशी, पीहू, अन्नु, दिव्य, वीर सहित बहुत सारे भक्तो ने सहभागिता की।