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न्यायालय का सम्मान लेकिन निर्णय तथ्य विरुद्धः प्रमोद तिवारी

अब कांग्रेस न्यायिक और राजनीतिक मोर्चे पर लड़ेगी लड़ाई
प्रयागराज। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी के मामले में कोर्ट से आए निर्णय पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि वे न्यायपालिका और न्यायाधीश का सम्मान करते हैं, लेकिन सूरत की कोर्ट से जो निर्णय हुआ है उससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस न्यायिक और राजनीतिक मोर्चे पर भी संषर्घ करेगी। वे शुक्रवार को प्रयागराज स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक विधायक के द्वारा ‘मोदी सरनेम’ के मामले में कोर्ट में गलत तथ्य प्रस्तुत किया। उन्हीं गलत तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। श्री तिवारी ने याचिका सूरत गुजरात की कोर्ट में दाखिल करने पर भी आपत्ति जताते हुए इसे नियम 202 का उल्लंघन बताया है। कहा कि राहुल गांधी ने कर्नाटक में बयान दिया था तो याचिका गुजरात की कोर्ट में कैसे दाखिल हो गई। कहा कि पूरे मामले पर कांग्रेस लोकतांत्रिक और अहिंसात्मक ढंग से लड़ाई लड़ेगी। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सत्तारूढ़ दल सदन नहीं चलने दे रहा है। श्री तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी की सफल भारत जोड़ो यात्रा से घबराए हुए भारतीय जनता पार्टी साम्राज्य को जब अपना सिंहासन बोलता हुआ नजर आया तो वह येन केन प्रकारेण संसद में अवरोध उत्पन्न कर भाग रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई की हो सकता है की भाजपा बीच में ही संसद भंग कर चुनावों की घोषणा न कर दे।

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