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जनता को नही है मौलिक अधिकारो की जानकारी: टी.एन. मौर्य

मौलिक अधिकार पार्टी के दो दिवसीय राज्य अधिवेशन का समापन
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। श्रीराम वाटिका चिलबिला मे मौलिक अधिकार संघर्ष समिति का दो दिवसीय राज्य अधिवेशन 18 व 19 अक्टूबर को हरिशंकर यादव प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय महासचिव अशोक कुमार कोरी के संचालन में आयोजक मंडल राम बहादुर शर्मा, सत्येन्द्र शर्मा, हरिपाल वर्मा, श्यामलाल मौर्य, प्रेम शंकर शर्मा तथा संजय कुमार शर्मा ग्राम प्रधान द्वारा सम्पन्न हुआ। इसमें मुख्य अतिथि टीएन मौर्य राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलिक अधिकार संघर्ष समिति रहे। विशिष्ट अतिथि संस्थापक जेपी शास्त्री, राष्ट्रीय सचिव अनन्त राम यादव प्रदेश महासचिव मुकेश कनौजिया, प्रदेश उपाध्यक्ष शिव प्रताप पटेल, ाष्ट्रीय वरि. उपाध्यक्ष राज बहादुर शंखवार कोषाध्यक्ष लालमती ाव, प्रदेश अध्यक्ष बीएल सेन बटुक मध्य प्रदेश रहे। प्रथम दिवस अधिवेशन का प्रारम्भ तथागत बुद्ध, सम्राट महापद्मनन्द, संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर मुख्य अतिथि टीएन मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष् हरिशंकर यादव तथा संस्थापक जे.पी. शास्त्री द्वारा दीप प्रज्वलित कर व माल्यार्पण कर बुद्ध वंदना से हुआ। मुख्य अतिथि टीएन मौर्या ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी पदाधिकारी गण के साथ जनता को ही संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारो की जानकारी होनी चाहिए। आजादी के 75 वर्ष शासन सत्ता पर काबिज तमाम सरकारो ने न तो जनता को मौलिक अधिकारो की जानकारी दी और न ही उन्हे मौलिक अधिकार प्रदान किए गए। सात मौलिक अधिकारो में न तो समता का अधिकार ही पूर्णतया लागू हुआ न ही सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय ही मिला। सम्पत्ति के अधिकार को 44 वे संशोधन 1978 में पं. मोरार की सरकार ने इसे बदल कर अनुच्छेद 300 (क) कानूनी अधिकार का दर्जा दे दिया।
संस्थापक जेपी शास्त्री ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को संविधान निर्माता डा. अम्बेडकर ने सामाजिक आर्थिक बराबरी का सपना देखा था। सपने को पूरा करने के लिए अम्बेडकर वादी संगठन बने। संस्थापक जेपी शास्त्री ने श्रीराम वाटिका के मालिक राजेन्द्र कुमार मौर्य के प्रति आभार प्रकट करते हुए प्रदेश तथा जनपद से आये हुए हाल में उपस्थित पदाधिकारीगण, कार्यकर्तागण को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए 2 दिवसीय अधिवेशन का समापन किया।

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