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कम नहीं होगी कबीर साहब के विचारों की प्रासंगिकता : परमहंस दास

कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत आयोजित हुआ कार्यक्रम
अयोध्या। भगवान राम के प्रति कबीर साहेब की भक्ति अपने आप में अद्वितीय है, उन्होंने भक्ति जगत में न सिर्फ क्रांतिकारी परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया बल्कि भौतिक दुनिया को भी बेहतर बनाने का सार्वभौमिक दर्शन दिया, जो मनुष्य के इतिहास की अमूल्य धरोहर है, जब तक यह धरती रहेगी और मानव समाज रहेगा तब तक कबीर साहेब के विचारों की प्रासंगिकता, सार्थकता एवं उपयोगिता  कम नहीं हो सकती। उक्त बातें संत शिरोमणि कबीरदास जी की जयंती पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे तपस्वी छावनी के संत परमहंस दास ने कही। श्री कबीर धर्म मंदिर सेवा समिति की ओर से आयोजित कबीर दास जी की जयंती को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सादगी से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर के पूर्व अध्यक्ष स्वरूपलीन संत उदार दास को विशेष रूप से स्मरण नमन एवं श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनकी स्मृति में उदार वटवृक्ष के साथ पाकड़ व पीपल के भी पौधे रोपित किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महंत परमहंस दास विशिष्ट अतिथि रिटायर्ड फौजी राम बुझारत एवं पूर्वांचल विकास बोर्ड उत्तर प्रदेश प्रशासन के सदस्य अरविंद पटेल के द्वारा संयुक्त रूप से उदार बट वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम का संचालन उमा शंकर दास ने किया इस अवसर पर वरिष्ठ संत परीक्षा दास, धर्म प्रकाश दास, राम प्रकाश दास, निगम साहब, शीलदास, महंत सनत कुमार दास रामायणी, विवेक ब्रह्मचारी, प्रधानाचार्य निर्मल कुमार वर्मा, संत विवेक ब्रह्मचारी, समाजसेवी चंद्रपाल वर्मा, ग्राम प्रधान राजेश मौर्य, राम अभिलाष वर्मा, विष्णु यादव, भजन गायक सरल दास  सहित बड़ी संख्या में संत व महंत उपस्थित रहे।
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