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24 मई से काला फीता बांधकर जतायेंगे विरोध

प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। मेन स्ट्रीम आयुष डाक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने सात सूत्रीय मांगो को लेकर आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास ज्ञापन भेजा। साथ ही मांगो का निस्तारण 23 मई तक न होने पर 24 मई से काली पट्टी बांधकर विरोध जताने की चेतावनी दी। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. शैलेन्द्र योगी ने बताया कि वर्ष 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व एवं सुषमा स्वराज जी के निर्देश ने आयुष की पालिसी लाई गई। इसके तहत वर्ष 2009 में आयुष चिकित्सको की नियुक्ति सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पताल, आयुष विंग आदि में संविदा के आधार पर एनएचएम के अंतर्गत की गई। नियुक्ति के समय आयुष चिकित्सक एवं एलोपैथिक चिकित्सक का मानदेय उ.प्र. की 1978 की पालिसी के तहत समान थी। वही विगत सरकारो में एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सको के साथ भेदभाव किया। इससे उनके वेतनमान में विसंगति पैदा हो गई। इससे संविदा आयुष चिकित्सको को उनके पद के अनुरूप वेतन नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री के पास सात सूत्रीय ज्ञापन भेजकर मांग की गई है कि संविदा आयुष चिकित्सको को भी सरकार द्वारा दिए जाने वाले 25 फीसदी का लाभ दिया जाए। उनके परिवार को निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा, वेतन विसंगति दूर करने के साथ ही सेवानिवृत्त की पुरानी 70 वर्ष आयु सीमा बहाल की जाए। इसके अलावा ट्रान्सफर नीति पुनः शुरू करने के साथ ही कोविड के कारण शहीद मृतक आश्रित को नौकरी दी जाए। उन्होने बताया कि आगामी 23 मई तक मांगो का निस्तारण न किया गया तो 24 मई से एनएचएम के समस्त संविदा आयुष चिकित्सक काला फीता बांधकर अपना कार्य करते हुए विरोध करेंगे। इसके बावजूद उनकी मांगो का निस्तारण न किया गया तो मजबूरन एनएचएम के समस्त संविदा आयुष चिकित्सक सामूहिक रूप से होम आइसोलेशन में जाने को विवश होंगे। इसकी समस्त जिम्मेदारी उ.प्र. सरकार की होगी। इस दौरान प्रदेश महामंत्री डा. विमेष शुक्ला, कोषाध्यक्ष डा. अब्दुल माजिद खान, शिवेन्द्र अवस्थी, एके सिंह, पियूष अवस्थी, डा. जुल्फिकार, आनन्द गौतम, अनिल गुप्ता समेत तमाम आयुष चिकित्सक मौजूद रहे।

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