अभिभावक अपने बच्चो का जनेऊ संस्कार बचपन में ही करा दें – डॉ0 शेष मणि शुक्ल
सगरा सुन्दरपुर,प्रतापगढ़। मनुष्य के जीवन के 16 संस्कारों में जनेऊ संस्कार भी एक विशेष संस्कार मे आता है इसके अभाव में मानव संस्कार रहित हो जाता है। इस लिये यज्ञोपवीत संस्कार बचपन मे ही कर देनी चाहिये। जिससे बच्चों मे ब्राह्मण के गुण का समाबेस बचपन से ही हो सके। उक्त लक्ष्मणपुर विकास खण्ड के डांडी मे मे आयोजित बटुक जनेऊ संस्कार कार्यक्रम मे आचार्य डॉ शेष मणि शुक्ल ने उपस्थित ब्राह्मण यजमानो से कही। उन्होने कहा की जनेऊ एक ब्राह्मण होने की पहचान के साथ एक संस्कार भी है जिसे सामाजिक रूप से सभी ब्राह्मणो को स्वीकार्य करना चाहिये । इस अवसर पर छ वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक के आधा दर्जन से अधिक बालको का वैदिक रीति-रिवाजों के साथ मन्त्रो के बीच यज्ञोपबीत धारण कराया गया। इस मौके आचार्य दिलीप ओझा, समाज सेवी सन्जय शुक्ल ,धनंजय शुक्ल सहित क्षेत्र के दर्जनो लोग मौजूद रहे । आभार आयोजक पूर्व प्राचार्य आचार्य पारस नाथ शुक्ल ने जताया ।