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पेरोल पर रिहा एक कैदी काट रहा फरारी

जौनपुर। कोविड-19 संक्रमण काल में पिछले साल जिला जेल से पेरोल पर छोड़े गए कैदियों में से एक अब भी लापता है। उसके मुंबई फरार हो जाने का अंदेशा हैं। पेरोल की मियाद खत्म होने के छह माह से अधिक समय गुजर जाने पर भी उसके जेल में आमद नहीं कराने से जेल व पुलिस प्रशासन परेशान है। जिसकी सरगर्मी से तलाश हो रही है। पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के समय उच्चतम न्यायालय ने ऐसे विचाराधीन बंदियों व कैदियों को पेरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया था, जिन्हें दोष सिद्ध होने पर सात साल की सजा हुई हो या फिर ऐसा जुर्म जिसमें इतनी ही अवधि की सजा हो सकती हो। शासन के आदेश पर तीन अप्रैल 2020 को जेल प्रशासन ने ऐसे 40 बंदियों व कैदियों को आठ हफ्ते के पेरोल पर रिहा किया था। शासन ने जून व सितंबर माह में दो बार आठ-आठ सप्ताह का पेरोल बढ़ा दिया था। 14 नवंबर को पेरोल अवधि समाप्त होने पर धीरे-धीरे 37 या तो जेल में आमद करा लिए या अदालत से जमानत ले लिया। तीन कैदी मुर्तजा व उसके दो बेटे निशारुल और वाजिद निवासी बंजारेपुर फरवरी चार माह बीतने के बाद भी आमद नहीं कराए। तीनों को दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर अदालत ने 7 फरवरी 2020 को सात-सात साल कैद की सजा दी थी। प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन के सख्त आदेश के बाद पुलिस का दबाव बढ़ने पर मुर्तजा व निशारूल ने आमद करा लिया, लेकिन वाजिद अभी भी फरार है।

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