महागौरी की पूजा कर किया कन्या भोज
जौनपुर। चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी मंगलवार को श्रद्धालुओं ने महागौरी की पूजा की और कन्या भोज का आयोजन किया। अनेक श्रद्धालुओं ने कन्यापूजन कर उन्हे पूड़ी हलवा और मिष्ठान अर्पण किया। नवरात्रि में महागौरी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है. महागौरी की पूजा करने से मन शांत और शुद्ध होता है। नकारात्मक विचारों से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही मां की पूजा करने से बल और बुद्धि का भी विकास होता है। पौराणिक कथा के अनुसार मां महागौरी ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। भगवान शिव तपस्या से प्रसन्न हुए और मां महागौरी को स्वीकार कर लिया। कई वर्षों तक कठोर तपस्या करने के कारण मां महागौरी का शरीर काला पड़ गया और उन पर धूल मिट्टी जम गई। तब भगवान शिव ने उन्हें गंगाजल से नहलाया। भगवान शिव द्वारा मां को स्नान कराने से उनका शरीर स्वर्ण के समान चमकने लगा. तभी से मां के इस स्वरूप को महागौरी नाम दिया गया। महागौरी को एक सौम्य देवी माना गया है। महागौरी को मां दुर्गा की आठवीं शक्ति भी कहा गया है. महागौरी की चार भुजाएं हैं और ये वृषभ की सवारी करती हैं. इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है. ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएं हाथ में वर-मुद्रा है। इस दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाते हैं। मां को गंगा जल, शुद्ध जल , कच्चा दूध , दही , पंचामृत, वस्त्र , सौभाग्य सूत्र , चंदन रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा ,बिल्वपत्र इसके साथ ही आभूषण,पान के पत्ते, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, धूप, कपूर, लौंग और अगरबत्ती आदि का प्रयोग पूजा में किया जाता है।