श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन गये टूट- रामशंकर दास शास्त्री
प्रतापगढ़। नगर क्षेत्र के बराछा गांव मंे चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चैथे दिन आयोजित कार्यक्रम में कथावाचक बड़ा स्थान रामकोट अयोध्यावासी प. रामशंकर दास शास्त्री ‘भैया‘ जी ने बताया कि रामजी का जन्म चरित्र मर्यादा पुरुषोत्तम होने के कारण उनकी लीला अनुकरणीय है। भगवान श्रीरामचंद्र का जन्म राम नवमीं तिथि चैत्र मास शुक्ल पक्ष में दोपहर 12 बजे दिन मंगलवार को हुआ था। जबकि श्रीकृष्ण का जन्म भादो मास के कृष्ण पक्ष तिथि में अष्टमी दिन बुधवार को हुआ था। श्रीमद भागवत में कृष्ण कथा मोक्ष दायिनी है यह कामधेनु है। श्रीमद भागवत कथा का श्रवण मात्र से सच्चे मन से स्मरण करने और सुनने से मनुष्य मनोवांछित फल की प्राप्ति कर लेता है। भागवत भजन से सार कोई चीज नहीं है। जीवन रूपी इस संसार से तरने के लिए गुरु की महत्ता को विशेष बताया गया है। उन्होंने कहा कि गुरु बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। श्रीकृष्ण चंद्र भी संदीपनी आश्रम में अपने गुरु से ज्ञान प्राप्त किए थे और 64 कलाओं में निपुण हुए थे। इसी के साथ पं0 वेंकट देशिकाचारी जी महराज ने कहा कि श्गांवही वेद पुराण सुख की लहही हरि भगत बिनु। भागवत भजन के बिना सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती। राम जन्म की कथा के बाद कृष्ण जन्म की कथा का विस्तृत वर्णन किया गया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कृष्ण जन्म की रोचक झांकी भी निकाला गया। श्रद्धालुओं ने कृष्ण जन्म पर फल फूल एवं द्रव्य भेंट कर भगवान का स्वागत किया। साथ ही महिलाओं एवं पुरुषों ने ग्वाल बाल बनकर दोहा चैपाई के माध्यम से राउत नाचा भी किया। कार्यक्रम के मुख्य यजमान शान्ती देवी पत्नी पं0 विश्वनाथ प्रसाद राय द्वारा भगवान राधा कृष्ण की आरती उतारी प्रसाद वितरण किया। इस मौके पं0 शारदा प्रसाद राय, जगन्नाथ राय, राम लखन राय, बीडीसी, सीताराम पाण्डेय, राम मूरत शर्मा, सुभाष चन्द्र राय, काशी प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, लालचन्द्र, धीरेन्द्र कुमार सुनील कुमार, विजय कुमार, पवन कुमार, अमित, राज, सीताराम पाण्डेय, अनंत राम पाण्डेय, लल्लन पाण्डेय, अंजनी पाण्डेय, राहुल पंकज अनुज आदि भक्तगण मौजूद रहे।