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गर्मी बढ़ने के साथ सजने लगी नीम हकीमो की दुकाने

प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। गर्मी में आ रही तेजी के साथ ही जानकार इस साल अधिक गर्मी पड़ने का अनुमान लगाने लगे है। वही ग्रामीण इसके प्रभाव से अभी से ही चिन्तित होने लगे है। उन्हे सबसे अधिक चिन्ता गर्मी से होने वाले रोगो से है। वहीं उनकी दूसरी चिन्ता यह है कि अब नीम हकीमो की भरमार हो जाएगी। उधर ग्रामीणांचलो में स्थित सरकारी अस्पतालो की व्यवस्था भी चिन्ताजनक है। इससे नीम हकीमो के हौसले बुलंद है। बताते चले कि इस समय कोरोना का कहर जहां एक बार फिर बढ़ने लगा है। वही गर्मी बढ़ने के साथ ही अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। उधर ग्रामीण अंचलो में नीम हकीमो की दुकाने सजना शुरू हो गई है। हालांकि उनके पास कोई डिग्री नहीं है, फिर भी इनकी दुकान पर लम्बा चैड़ा बोर्ड लगा रहता है। इसमें कई रोगो के इलाज का जिक्र होता है। गरीब जनता शहर में आकर इलाज कराने के झंझट में नहीं पड़ना चाहती। ऐसे में वे इन्ही नीम हकीमो की शरण में पहुंच जाते है। सभी रोगो के लिए इनका नुख्सा एक जैसा होता है। ग्रामीण बताते है कि ज्यादा गर्मी पड़ने पर सीएचसी एवं पीएचसी में नियुक्त डाक्टर बैठना कम कर देते है। इससे रोगियो की दिक्कत बढ़ जाती है। इसका भरपूर फायदा नीम हकीम उठाते है। इस समय ग्रामीणांचलो की बाजारो सुवंसा, जगतपुर, कनेवरा वीरापुर, गीता नगर, कहला, रामापुर, फतनपुर, मधवापुर, हरिहरगंज, विश्वनाथगंज, देल्हूपुर, मानधाता, कोहंडौर, दीवानीगंज आदि में नीम हकीम की दुकाने सज गई है। बताया जाता है कि कुछ नीम हकीम आयुर्वेद की डिग्री लेकर मरीजो को सभी प्रकार की दवाइयां देकर इलाज करते है। इनके इलाज से कभी कभी मरीज की हालत अधिक गंभीर हो जाती है। ऐसे में नीम हकीम उन्हे अन्य चिकित्सक के पास ले जाने की सलाह देते है। उस समय तक नीम हकीम मरीजो एवं उनके तीमारदारो से जमकर कमाई कर चुके होते है। हालांकि सरकारी महकमे की ओर से इनके खिलाफ कभी कभी अभियान भी चलाया जाता है। इसके बावजूद इन पर लगाम नहीं कसा जा सका है। ग्रामीणों का कहना है कि जांच के दौरान लेन देन करके कार्रवाई बंद कर दी जाती है। अगर इस पर कायदे से अमल हो तो यह समस्या दूर हो सकती है।

 

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