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गुरु जी के मान से मेरा जीवन हुआ धन्य-टीना माँ

बेटी कहने पर कथा मंच पर फफक कर रोई कौशल्यानंद गिरी
कहा,श्री राम की तरह स्वामीजी ने हम सबको दिया सम्मान
लोकमित्र ब्यूरो
मेजा (प्रयागराज)।
जेवनियाँ में चल रही पांच दिवसीय वंचितों के श्रीराम कथा मंच पर मंगलवार को उस समय बड़ी असहज स्थिति बन गयी जब प्रदेश किन्नर बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंद गिरी टीना माँ तुलसी पीठाधीस्वर अलौकिक संत जगतगुरु स्वामी राम भद्राचार्य से आशीर्वाद लेते वक्त फफक कर रो पड़ी।उन्होंने कहा कि आपके आशीर्वाद से मैं अभिभूत हूँ।आपने हम जैसे उपेक्षित को पिता का सम्मान देकर मेरे जीवन को सार्थक बना दिया। कौशल्या नंद गिरी परम् पूज्य रामभद्राचार्य को अपना गुरु मानती हैं।उन्होंने वंचित समाज के बीच जाकर पुष्प वर्षा कर सम्मान देते हुए कथा के लिए एक दिन पूर्व आमंत्रित किया था।मंगलवार को अपनी सहयोगियों के साथ वह नैनी के लेप्रोसी चौराहे पर स्वामी जी की अगवानी की थी।कथा मंच पर स्वामी रामभद्राचार्य महराज जब जा रहे थे तो टीना माँ उनके पैरों के आगे गुलाब की पंखुड़ी बिछा रही थी।स्वामी जी के प्रति उनके सम्मान से पूरा पंडाल एकटक इस नजारे को देख रहा था। स्वामी जी कथा मंच पर पहुंचे और स्वागत की बारी टीना की आयी और उन्होंने माला पकड़ा कर प्रणाम किया तो रामभद्राचार्य महराज ने उनके सर पर हाँथ फेरकर कहा आ गयी मेरी बेटी।इतना कहते हुए जब टीना माँ के सर पर हाँथ फेरकर आशीर्वाद दिया तो वह फफक पड़ी। वह काफी देर तक मंच पर साड़ी का पल्लू लगाए रोती रही।उनके सहयोगियों ने किसी तरह उन्हें चुप कराया।टीना ने कहा प्रभु श्रीराम भी इसी तरह से वंचितों को सम्मान दिए होंगे।स्वामी जी ने मुझे बेटी कहकर जो मान दिया उससे मेरा जीवन धन्य हो गया।

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