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रेलवे क्वार्टरों में फैला नशे का कारोबार, चपेट में युवा पीढ़ी

नशेड़ियों की पनाहगाह बने आवंटन में फंसे क्वार्टरों में हो रहा चरस, गांजा, स्मैक, नशीले इंजेक्शन का धंधा
तीन साल पहले छोड़ा अधूरा निर्माण, आवास की किल्लत झेल रहे कर्मचारी
प्रतापगढ़। रेलवे कालोनी में तीन साल पहले मरम्मत के लिए अधूरे छोड़े गए 32 क्वार्टर में इस समय नशे का कारोबार हो रहा है। इनमें चरस, अफीम,गांजा, स्मैक, अवैध शराब और नशीले इंजेक्शन का धंधे हो रहा है। इन क्वार्टरों में मिली नशे की चीजें इस बात की गवाह हैं। इन क्वार्टरों की मरम्मत का कार्य पूरा नहीं किया गया जिससे स्टाफ को आवंटन नहीं हो पा रहा है। बाहर लोग अधिक किराए पर कमरा लेकर परिवार का पालन पोषण करने को विवश हो रहे हैं। आवंटन न होने से रेल कर्मियों को रहने की समस्या को लेकर मेंस यूनियन मुखर हो गई है। जल्द से जल्द उसने इसका आवंटन रेल हित में करने की मांग अधिकारियों से की है। सफ़ाई स्टाफ, टेलीफोन और आईओडब्लू का आवास जिस कालोनी में है। उसमें पुराने टाइप के क्वार्टरों की मरम्मत कर उसको रहने लायक बनाकर रेल कर्मचारियों को एलाट करने का फरमान तीन साल पहले हुआ था। जिसमें छत को तोड़कर उसकी जगह नई बनाने का निर्देश था। जिम्मेदार अफसरों ने छत ढाली। दीवारों की मरम्मत भी की। लेकिन फर्श और खिड़की दरवाजा अभी तक लगा सके। आरोप है कि इसके लिए आए फंड का आपस में बंदरबांट कर लिया गया है। इसलिए अधिकारी अब पीछा छुड़ाने चाहते हैं। अधूरे क्वार्टरों को लावारिस हालत में छोड़ दिए जाने से अब वह नशे के कारोबार के लिए एकदम से मुफीद हो गया है। सूत्रों से पता चला है कि नशेड़ियों का गिरोह कालोनी में रहने वाले स्टाफ और उनके बच्चों में नशे की आदत डाल रहा हैं। इस कालोनी में रह रहा एक पोर्टर और उसका परिवार भी चपेट में है।

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