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शिक्षकों की गरिमा सदा रहेगी बरकरार-प्राचार्य

लाला लक्ष्मी नारायण महाविद्यालय में शिक्षकों की भूमिका विषय पर हुई चर्चा
लोकमित्र ब्यूरो
मेजा (प्रयागराज)। सिरसा कस्बे के लाला लक्ष्मी नारायण डिग्री कॉलेज में शुक्रवार को शिक्षक दिवस के परिप्रेक्ष्य में एक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। नई शिक्षा नीति में परिकल्पित शिक्षकों की भूमिका विषय पर चर्चा की गई।  महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ शिव प्रसाद विश्वकर्मा ने कहा कि तेजी से बदल रही शिक्षण व्यवस्था के वावजूद शिक्षक की अहमियत और उपयोगिता कम नही होगी। कार्यक्रम के आरंभ में डॉ महेंद्र कुमार जायसवाल ने  शिक्षकों के विभिन्न दायित्वों को समझाते हुए दिल्ली में राजपथ से कर्त्तव्य पथ के परिवर्तन और सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा द्वारा देश के लिए उनके कर्तव्य का दृष्टांत देते हुए शिक्षकों के दायित्व निर्वहन का बोध कराया।छात्र छात्राओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कई उदाहरण प्रस्तुत कर उन्हें कर्तब्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ शिव प्रसाद विश्वकर्मा ने अपने उदबोधन से विद्यार्थियों को शिक्षकों की उपयोगिता और विकल्प पर चर्चा की। कहा कि शिक्षक समाज का एक आधार स्तम्भ होता है। शिक्षक का कोई विकल्प नही है। वर्तमान परिदृश्य में आन लाइन अध्ययन की बाहुल्यता होने के बावजूद शिक्षक का कोई स्थान नही ले सकता क्योंकि शिक्षक मात्र शिक्षक ही नही होता बल्कि वो पथ प्रदर्शक होने के साथ साथ परामर्श दाता व निर्देशक और भविष्य निर्माता भी होता है। मौके पर डॉ दिव्या श्रीवास्तव, श्रीमती अंजलि कुमारी, श्रीमती विनीता गुप्ता,डा बृजेश, सुबास चन्द यादव, पी.सी.मिश्र व बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
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