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भैसदेही सीईओ बताए, शौच के बाद पानी कहां से लाये व्यक्ति ? RTI का जवाब देने में असमर्थ

लाखो की लागत से बने शिवधाम बारहलिंग में बने सार्वजनिक शौचालय ने खड़े किए सवाल

बैतूल । 14 जनवरी से विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला शुरू होने जा रहा है ऐसे में देश की पवित्र नदियों में लोग बड़ी संख्या में स्नान – ध्यान करने आने वाले है। बैतूल जिले के इतिहास में पहली बार पूरे जिले में पुण्य सलिला जीवन दायनी, मोक्ष दायनी सूर्य छाया पुत्री ताप्ती के 250 किलोमीटर के बैतूल जिले की सीमा प्रवाह क्षेत्र में 48 दिवसीय कुंभ में चार प्रमुख स्नान और छै अन्य स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त गंगा – युमना – सरस्वती – कावेरी – गोदावरी – क्षिप्रा – नर्मदा में स्नान करने नहीं जा पाएगें। ऐसे में जिले में पहली बार माँ सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति ने अपने महत्वाकांक्षी ताप्ती महाकुंभ 2021 के कार्यक्रम का कलैण्डर जारी कर दिया है। इस कलैण्डर के अनुसार 14 जनवरी मकर संक्राति पर लोग पुण्य सलिला सूर्यपुत्री ताप्ती के बारहलिंग घाट पर भी पहुंचेगें जहां पर उन्हे प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान के तहत 3 लाख की लागत से बना एक सार्वजनिक शौचालय तो मिलेगा लेकिन वहां सबसे बड़ी समस्या है कि शौच करने के बाद दिव्यांग व्यक्ति, पौढ़ पुरूष या महिला शौच करने के बाद शौच धोने आखिर कहां जाए ? शौचालय के ऊपर पानी की टंकी लगी है लेकिन उसमें पानी कहां से पहुंचेगा इसका कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है। इस संदर्भ में आरटीआई से जानकारी मांगने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं पंचायत निरीक्षक ने शौचालय बनाने वाली एजेंसी एवं ग्राम पंचायत को तीन लाख की लागत से बने शौचालय की जानकारी देने वाले आवेदन एवं अपील आवेदन को जब निरस्त कर दिया गया तब आरटीआई आवेदनकर्ता एवं माँ सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति के प्रदेशध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रघुवंशी से ही सीधे सवाल कर डाला कि अब वे ही बताए कि गांव के ग्रामीण, आदिवासी, धार्मिक स्थल पर आने वाले दिव्यांग व्यक्ति, पौढ़ पुरूष या महिला शौच करने के बाद शौच धोने आखिर कहां जाए…! क्या जनपद पंचायत उन्हे आदि मानव काल के समय शौच उपरांत प्रयोग में आने वाले संसाधनो के उपयोग के लिए बाध्य कर रही है या जनपद पंचायत लोगो को यह संदेश देना चाहती है कि सरकारी शौचालय में यदि शौच करने जाना है तो अपने संग शौच और शौचालय को धोने के लिए पानी साथ लेकर जाए ….!! इस प्रकार की जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत तथा निमार्ण एजेंसी की सोच को संरक्षण प्रदान करने वाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी रघुवंशी सहित समस्त उन लोगो के खिलाफ कार्यवाही करनी होगी जो देश के प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत – समग्र भारत अभियान को पलीता लगा रहे है। पंवार ने शौचालय की छत पर रखी पानी की टंकी में पानी की आपूर्ति पर सवाल उठाते हुए इस बात की जानकारी चाही है कि लाखो की लागत से बने शौचालय की पानी की टंकी में पानी पहुंचाने के लिए कौन सा उपाय किया गया है ? क्योकि नदी नीचे बहती है और हेड पम्प काफी दूरी पर स्थित है।

ग्रीष्मकाल में नदी बहती नही और हेड पम्प सुख जाता है। ऐसे में आखिर शिवधाम गया। श्रद्धालु शौच के लिए कहां जाए ? जब शौचालय में पानी न हो।
बैतूल जिला मुख्यालय पर मीडिया सेंटर में पत्रकारो से चर्चा करने आए भैसदेही के आदिवासी विधायक धरमू सिंह से जब यह जानना चाहा कि इस बारे में उनकी क्या क्रिया या प्रतिक्रिया है। धरमू सिंह ने माना कि समस्या बड़ी है उसका निदान जरूरी है। कांग्रेस से दो बार भैसदेही के विधायक रहे धरमू सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार और सरकारी मिशनरी पर यह आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार भोले भाले आदिवासियों को एक बार फिर शौच उपरांत उनके द्वारा अज्ञानतावश अपनाए जाने वाले प्रयोगो की ओर धकेल कर उनका अपमान कर रही है। कांग्रेस नेताओ ने शौच धोने के लिए पानी न उपलब्ध करवाने एवं लोगो को पत्थर – मिट्टी – पत्तो के उपयोग के लिए बाध्य करना प्रगतिशील भारत के लिए शर्मसार कर देने वाली घटना है। कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर बड़ा जन आन्दोलन करेगी यदि पार्टी के विधायक की सख्त चेतावनी के बाद भी वहां पर शौचालय के लिए पानी की व्यस्था नहीं हो जाती।

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