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अपनी ही आंख्या में फंस गया लेखपाल-

सुल्तानपुर। तहसील प्रशासन ने शिकायत मिलने के बाद संबंधित लेखपाल को पैमाइश करने हेतु आदेशित किया लेखपाल ने मौके पर जाकर तालाब की भूमि की पैमाइश की लेकिन मजे की बात तो यह है कि लेखपाल ने अपने चहेते को बचाने के लिए तालाब की भूमि को ही आबादी बता दिया यही नहीं लेखपाल द्वारा उच्चाधिकारियों को जो आख्या  सौंपी गई है उसमें दो तरह का  जिक्र करते हुए गोलमाल करने का प्रयास किया गया है मजे की बात तो यह है कि एक तरफ लेखपाल द्वारा तालाब की भूमि पर निर्माण होने की बात को स्वीकार कर रहा है वही अपनी ही आंख्या  मकान का निर्माण तालाब की भूमि में ना होने का जिक्र भी कर रहा है। फिलहाल सरकारी बेशकीमती जमीन पर कब्जा करवाने में लेखपाल की भूमिका साफ झलक रही है जब  भू माफिया .तालाब की भूमि पर कबजा किया तो कारवाही  क्यों नहीं की गई।

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