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अयोध्या। राममंदिर के नाम पर लिये गये दान के रुपयों की लूट मची हुई है । 18 मार्च को 7 बजकर 10 मिनट पर एक जमीन को 2 करोड़ में दो प्रापर्टी डीलरों ने खरीदा और पांच मिनट के बाद इसी जमीन का एग्रीमेंट साढ़े 18 करोड़ में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम एग्रीमेंट कराया गया। महज पांच मिनट में जमीन कई गुना मंहगें दामों में ट्रस्ट के नाम रजिस्ट्री करा कर करोड़ों का वारा न्यारा कर लिया गया। पूर्व मंत्री व सपा नेता तेजनारायन पाण्डेय ने मामले का खुलासा करते हुए प्रकरण में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। करोड़ो रामभक्तों द्वारा दिये गये चंदे में भ्रष्टाचार को उनका अपमान बताया है।प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री व सपा नेता तेजनारायन पाण्डेय ने बताया कि राममंदिर निर्माण के लिए खरीदी गयी जमीन में करोड़ो का हेरफेर हुआ है। राममंदिर के पास स्थित एक जमीन को प्रापर्टी डीलर रविमोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी ने हरीश पाठक व कुसुम पाठक से दो करोड़ में खरीदा। 18 मार्च 2021 को यह जमीन 7 बजकर 10 मिनट पर बैनामा की गयी। इसके बाद में रविमोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी ने इस जमीन को पांच मिनट के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को साढ़े अठ्ठारह करोड़ में एग्रीमेंट कर दी। रविमोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा खरीदी गयी जमीन व श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय द्वारा कराये गये एग्रीमेंट में गवाही श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय है। 17 करोड़ रुपये ट्रस्ट ने एग्रीमेंट कराने वालों के खातें में आरटीजीएस भी कर दिया। उन्होंने बताया कि बैनामें व एग्रीमेंट दोनो में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय की गवाही भ्रष्टाचार का सबूत है। करोड़ रामभक्तों द्वारा दिये गये चंदे में इस प्रकार घोटाला किया गया है। मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए।
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