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शवों को नदियों में यूं ही प्रवाहित कर रहे लोग

कौंधियारा, प्रयागराज। संक्रमण या किसी अन्य बीमारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। वही अभी भी कुछ लोगों की किसी न किसी कारण से मौत हो रही है। वही ऐसे में जहां कुछ लोग शवों का दाह संस्कार जला कर के कर रहे हैं तो कुछ लोग शवों को जमीन में दफना करके दाह संस्कार कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद भी कुछ ऐसे लोग भी हैं जो शवों को नदियों में यूं ही प्रवाहित कर रहे हैं। जिसके कारण उन शवों के सडे गले अवशेष नदियों के किनारे व नदियों के बीच में बने बालू के रेत टीले पर देखे जा सकते हैं। जबकि मछली मारने वाले मल्लाहों के जाल में जब यह शव फंस जाते हैं तो उन शवों को मल्लाह निकाल कर के नदियों के बीच में स्थित बालू के टीले के इर्द-गिर्द रख दे रहे हैं। जिसके कारण उन शवों को चील कौवे नोच नोच कर के खा रहे होते हैं। इसी तरह से कुछ लोग घूरपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बहने वाली यमुना नदी में भी शवों को  विना जलाए ही प्रवाहित कर रहे है।
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