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अक्षय तृतीया पर मनाई गई भगवान परशुराम की जयंती

अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने मनाई भगवान परशुराम की जयंती

बलरामपुर I भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम यशस्वी तपस्वी महा पराक्रमी के रूप में जाने जाते हैं पृथ्वी पर अत्याचार होते देखकर भगवान विष्णु ने महर्षि जमदग्नि एवं रानी रेणुका के पांचवें पुत्र के रूप में जन्म लेकर अत्याचार करने वाले लोगों का सर्वनाश कर के जनमानस को निजात दिलाया था पृथ्वी पर महा पराक्रमी के रूप में जाने जाने वाले भगवान परशुराम की पूजा अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर होती है माना जाता है कि इसी दिन इनका जन्म हुआ था यह बातें वरिष्ठ पत्रकार तुम समाजसेवी डॉ अविनाश पांडे ने भगवान परशुराम के  जयंती के शुभ अवसर पर कही है  जिले में अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती सोशल डिस्टेंसिंग के तहत कई स्थानों पर धूमधाम से मनाई गई संगठनों ने पराक्रम के प्रति भगवान परशुराम की जयंती पर उनके पराक्रम भक्ति एवं तपस्या से सीख लेकर समाज के उत्थान में कार्य करने की सीख  लेने का संकल्प लिया है  अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने कैंप कार्यालय कलेक्ट्रेट मोड़ पर संयोजक आशुतोष मिश्रा की अध्यक्षता में भगवान परशुराम की जयंती सोशल डिस्टेंसिंग के तहत मनाई गई सभी विप्र जनों ने भगवान विष्णु के छठे अवतार महर्षि जमदग्नि एवं रानी रेणुका के पांचवें पुत्र के रूप में जन्मे भगवान परशुराम की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके बताए हुए सद मार्गों का अनुसरण करने का संकल्प लिया है संयोजक आशुतोष मिश्रा ने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया पर हुआ था इसलिए अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में रात्रि के प्रथम पहर में छे उच्च के ग्रहों से युक्त मिथुन राशि पर राहु के स्थित रहते माता रेणुका के गर्भ में भगवान परशुराम का प्रादुर्भाव हुआ था अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम का जन्म मनाया जाता है इस तिथि को प्रदोष व्यापिनी रूप में ग्रहण करना चाहिए क्योंकि भगवान परशुराम का प्राकृतिक आल प्रदोष काल ही माना जाता है इनका जन्म समय सचिव और त्रेता का संधिकाल माना जाता है उन्होंने कहा कि मान्यता के अनुसार परशुराम जन्म दिवस का दिन इतना पवित्र होता है कि इस दिन किए गए किसी भी कार्य का फल शुभ दायक के साथ अवश्य मिलता है भगवान परशुराम की जयंती पर पूजा अर्चना विधि विधान से किया गया इस दौरान अरविंद मिश्रा जी पी मिश्रा अखिलेश शुक्ला अरविंद मोहन पांडे योगेंद्र शुक्ला आशीष कुमार पांडे पवन तिवारी प्रशांत शुक्ला अनुज मिश्रा रोहित तिवारी रवि तिवारी अशोक मिश्रा शशिकांत तिवारी दिनेश तिवारी आशीष तिवारी आदि विप्र जनों ने विधिवत पूजा अर्चना हमारा स्थान करके भगवान परशुराम की जयंती मनाई है डॉ आशीष पांडे एवं प्रशांत शुक्ला ने संयुक्त रूप से कहा कि ब्राह्मणों को भगवान परशुराम के आदर्शों को आत्मसात करके सत मार्ग का अनुसरण करना चाहिए समाज में उन्होंने अन्याय के खिलाफ जनमानस की रक्षा करके उन्हें निजात दिलाई थी ऐसे में ब्राह्मणों का कर्तव्य है कि वह सत मार्ग का अनुसरण करें साथ ही साथ समाज में लोगों को सत मार्ग पर लाने के लिए प्रेरित करें

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