निजी अस्पताल के कर्मचारियों पर वृद्ध मरीज को धक्का देने एवं तीमारदार के साथ मारपीट का आरोप
अयोध्या। समरथ को नहीं दोष गोसाई कुछ ऐसी ही कहावत चरितार्थ होता दिख रहा है , जहां एक अस्पताल में इलाज के लिये आये बुजुर्ग महिला व उसके बेटे के साथ बदसलूकी कर भगा दिया गया। फिलहाल मौके की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बुझा कर मामला शांत कराया।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र अलीबेग खिड़की स्थित हमेशा विवादों मे रहने वाले निदान चिकित्सा केंद्र का है , जहां पर कोरोना संकट काल के बीच एक बेटा अपनी मां के इलाज के लिये पहुंचा था और जब उसका नम्बर आया तो उसने डॉक्टर को दिखाने की बात कही , लेकिन हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने उससे बदसलूकी ही नहीं कि बल्कि इलाज कराने आयी बुजुर्ग महिला को धक्का देकर अस्पताल से बाहर कर दिया और गेट बंद कर दिया। कोतवाली नगर के नेवाती पूरा निवासी पीड़ित इरफान का आरोप है कि उसकी बुजुर्ग मां की तबियत खराब थी जिसे दिखाने के लिये वह कई घंटे से लाइन में लगा था नम्बर आने के बाद जब डॉक्टर से दिखाने की बात कही तो वहां मौजूद अस्पताल का कर्मचारी भड़क गया और मारपीट पर उतारू हो गया । पीड़ित का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारी ने उसकी सरिया व डंडे से पिटाई की और उसका मोबाइल तोड़ दिया उसके बाद उसकी वृद्ध मां को भी ढकेल दिया , जिससे वह गिर पड़ी और उन्हें बाहर निकाल कर गेट बंद कर दिया गया। हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया है। सवाल यह उठता है कि कोरोना संकट काल के दौरान एक तो पहले ही आम आदमी तकलीफ में ही डॉक्टर की दर पर हाजिरी लगा रहा है। इसके बावजूद यदि इस तरह की घटना का अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगे तो सवाल उठना लाजिमी है। वहीं पीड़ित ने कोतवाली पुलिस को लिखित शिकायत देकर कार्यवाही करने की बात कहीं हैं।