अतिशीघ्र जिला अस्पताल में 75 बेड़ का कोविड संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड
सुलतानपुर । बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के बीच सोशल मीडिया पर आने वाली खबरें कभी-कभी दहशत का माहौल इस तरह से पैदा कर देती है कि अफवाहों के बाजार में संक्रमित मरीज़ और उनके परिजनों के दिल और दिमाग में सिस्टम और इलाज में रात-दिन एक करने वाले डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति अविश्वास की भावना घर कर लेती है। समय की जटिलताओं को देखते हुए सोशल मीडिया से जुड़े लोग भी अपनी जिम्मेदारी समझे और कोरोना वायरस से संबंधित खबरों को मन माफिक न पोस्ट करके स्वास्थ्य विभाग या फिर प्रशासन की पुष्टि के पश्चात ही वायरल करे। इसमे कोई दो राय नहीं कि मौजूदा हालात बद से बदतर हो चले हैं। परंतु इसका यह मतलब कतई नही कि स्थिति नियंत्रण में नहीं है। जिला प्रशासन उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास लगातार कर रहा है। अब आइये स्वास्थ्य विभाग पर। तो स्वास्थ्य विभाग की स्थिति एकदम ऐसे हैं जैस शरीर तो है लेकिन हांथ नही है। तात्पर्य यह है कि अस्पताल के अधिकतर डाक्टर व दूसरे स्टाफ कोरोना संक्रमित हो गए हैं। जिला अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है। जैसे-तैसे इमरजेंसी चलाई जा रही है। साथ ही सीमित स्टाफ व उपलब्ध संसाधनों से इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का उपचार किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाँ एससी कौशल ने बताया कि हमारा प्रयास लगातार जारी है, अस्पताल में आने वाले मरीजों का उपचार बेहतर तरीके से किया जा रहा है।सूत्र बतातें है कि अतिशीघ्र जिला अस्पताल में 75 बेड़ का कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है। उस वार्ड का मुख्य उद्देश्य होगा कि जितने भी कोरोना संक्रमित मरीज़ इलाज के लिए जिला अस्पताल में आएगे उन्हें एक जगह ही रखा जाएगा जिससे एकसाथ मरीजों को इलाज मिल सके इस योजना को मूर्तरूप मिलने से सबसे बडे़ संकट से निजात मिल जाएगी, जहा मरीजों को कई जगह शिफ्ट करने के पश्चात उपचार में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था वही 75 बेड का आइसोलेशन वार्ड बन जाने पर एकसाथ मरीजों को इलाज और आक्सीजन मिलनी शुरू हो जाएगी। इस योजना के लिए पिछले कई दिनों से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाँ एससी कौशल व वरिष्ठ परामर्शदाता डाँ एसके गोयल युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। जहातक जिला प्रशासन के प्रयासों की बात है तो प्रतिदिन जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाँ डीके त्रिपाठी सीएमएस डाँ एससी कौशल के साथ ही अन्य अधिकारियों की बैठक करके नित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की कवायद की जा रही है।