दुर्घटना बीमा राशि बढ़ने व मुकदमे वापस होने से व्यापारी गदगद
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रयास से व्यापारियो का घटना, दुर्घटना बीमा पांच से दस लाख किये जाने का शासनादेश जारी हुआ व लाकडाउन के दौरान प्रदेश के इस हजार व्यापारयिो के उपर कायम हुए मुकदमे वापस हो रहे है। जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार केसरवानी ने बताया कि प्रदेश कार्यालय लखनऊ में मिली जानकारी के अनुसार उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल एवं प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री रमेश चन्द्र अग्रहरि द्वारा व्यापारी हित में उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की थी कि प्रदेश के सभी छोटे बड़े पंजीकृत व्यापारी भाईयो का बीमा पांच लाख से बढ़ाकर दस लाख तक का घटना व दुर्घटना बीमा लागू किया जाय। मुख्यमंत्री ने सहर्ष मांग स्वीकार कर व्यापारी भाईयो के साथ होने वाली घटना व दुर्घटना बीमा दस लाख किये जाने का शासनादेश जारी कर दिया है। इससे व्यापारी भाइयो को काफी राहत मिलेगी। इसी तरह कोरोना महामारी के समय लाकडाउन के दौरान थोड़ी सी भी गलती पायी जाने पर लगभग दस हजार व्यापारी भाईयो पर मुकदमा प्रतापगढ़ सहित प्रदेश में कायम हो गया था। इससे व्यापारी परेशान थे। प्रदेश अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल द्वारा प्रदेश के व्यापारी भाईयो पर कायम हुए मुकदमो को समाप्तकिये जाने की मांग पर व प्रदेश सरकार के कैबिनेट कानून मंत्री बृजेश पाठक द्वारा पहल किये जाने व उनके सुझाव मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान में लिए जाने व साहनुभूति पूर्वक विचार करते हुए व्यापारी भाईयो पर हुए मुकदमो को समाप्त किये जाने का भी आदेश जारी कर दिया गया है। जिसका शासनादेश भी जल्द ही जारी हो जाएगा लेकिन मुकदमा समाप्त किये जाने की प्रतिक्रिया आरम्भ हो गई है। इससे प्रतापगढ़ सहित प्रदेश के व्यापारी वर्ग में हर्ष व्याप्त है। इससे व्यापारी भाईयो को हैरान व परेशान नहीं होना पड़ेगा। जिलाध्यक्ष श्री केसरवानी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष लखन बाबा ने व्यापार मंडल व व्यापारी भाईयो की तरफ से उ.प्र. की राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं कैबिनेट कानून मंत्री बृजेश पाठक सहित सभी को कोटि कोटि धन्यवाद ज्ञापित किया व आभार जताया। इसी संदर्भ में प्रतापगढ़ के सभी व्यापारी वर्ग से अपील है कि जानलेवा कोरोना महामारी के प्रकोप से बचे व सरकार के नियमो का पालन करे और मास्क लगाकर सोशल डिस्टेन्सिंग अपनाकर कोविड नियमो का पालन करे। साथ ही स्थानीय शासन प्रशासन का सहयोग कर लाकडाउन के समय अपने उपर कायम होने वाले मुकदमे की कार्यवाही से बचे।