युवाओं और बच्चों के लिए खतरनाक है नया वायरस
आयुर्वेदाचार्य डॉ. एसके राय ने कहा, छोटे बच्चों को न निकलने दें घर से बाहर।
प्रयागराज। प्रयागराज के सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. एसके राय ने कहां है कि कोरोना का नया वायरस युवाओं और बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक है। इसलिए अभिभावकों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है। बेहतर यही होगा कि वे छोटे बच्चों को किसी भी हालत में घर से बाहर न निकलने दें। यही बच्चों को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा उपाय है। कोरोना के संबंध में हुई विशेष बातचीत में डॉ. राय ने कहाकि कोरोना का यह नया वायरस बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा है। उनको भी अपनी चपेट में ले रहा है। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की इम्युनिटी काफी कमजोर होती है। इसलिए वे सर्दी, जुकाम, दस्त आदि बीमारियों की चपेट में बहुत जल्दी आ जाते हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है। उन्हें चाहिए कि 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हालत में घर से बाहर न निकलने दें। बच्चा अक्सर अपनी उंगलियां मुंह और नाक में डालता रहता है। इससे इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। मुंह के जरिए वायरस सीधे फेफड़े में प्रवेश कर सकता है। इसलिए उनके हाथों को बार-बार सेनेटराइज कराना चाहिए। खाने को ऐसी चीज न दें जो सर्दी, जुकाम का कारण बने। चॉकलेट, कुरकुरे या मैदे से बनी अन्य चीजें देने में परहेज करना चाहिए।यही नहीं किसी हालत में कोल्ड ड्रिंक, टाफी आदि भी देने से बचना चाहिए। इसके अलावा कोशिश करें कि प्रतिदिन 5 से 10 मिनट बच्चे को सूर्य की रोशनी मिले। इससे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होगी। उन्होंने यह भी कहाकि अभिभावकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बाहर से आने वाला कोई व्यक्ति बिना अपने हाथ सेनेटराइज किये बच्चे को न छुए, वह चाहे घर का व्यक्ति हो या पड़ोसी या फिर रिश्तेदार।
एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. राय ने कहाकि इस बार उन लोगों को बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं है जो पिछली बार कोरोना की चपेट में आ गए थे। ऐसा प्रतीत होता है कि पिछली बार जिन लोगों को इस वायरस ने अपनी चपेट में लिया था उनके अंदर स्वतः ही वैक्सीन डिवलप हो गई है। इस वजह से इस बार का वायरस उन्हें नहीं छू रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि यह नया वायरस युवाओं और उन लोगों को अपना निशाना ज्यादा बना रहा है जिनकी इम्यूनिटी अच्छी मानी जाती है। समाचारों से पता चलता है कि तमाम नेता, अभिनेता, संत, महात्मा, योगाचार्य, चिकित्सक समेत उच्च परिवारों के लोग अब तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। यह ऐसे लोग हैं जिनकी इम्यूनिटी बहुत अच्छी मानी जाती है। मगर नया वायरस इन लोगों को भी नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछली बार पाकिस्तान, बांग्लादेश, इटली समेत कई ऐसे देश रहे जिनकी तीन चौथाई से ज्यादा आबादी कोरोना की चपेट में आ गई थी। मगर इस बार उनके यहां से ऐसी सूचना नहीं मिल रही है। इसका कारण यही माना जा सकता है कि जो लोग पिछली बार इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं उनमें इस वायरस से लड़ने की क्षमता स्वतः विकसित हो चुकी है। इसलिए यह वायरस इनको अपनी चपेट में नहीं ले पा रहा है। इसके बावजूद हमें सचेत रहने की जरूरत है। डरना नहीं बल्कि इससे लड़ना है। घर में रहते हुए काढ़ा आदि का प्रयोग करें। गुनगुना पानी पीयें। आपसी दूरी बनाकर रखें। हाथ बार बार धोएं और मास्क का प्रयोग करें। अफवाहों में आने की बजाय वैक्सीन जरूर लगवायें।