Logo

छठे दिन विधि विधान से मां कात्यायनी की हुई पूजा अर्चना भक्तो ने की रोग शोक व संताप के विनाश की कामना

प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। वासंतिक नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की गई। भक्तो ने मां की पूजा आराधना करके रोग, शोक, संताप व भय का विनाश करने की कामना की। इसदिन मां के कात्यायनी स्वरूप के पूजा का विधान है। मान्यता है कि सच्चे मन से मां कात्यायनी की उपासना करने वालो पर देवी मां की कृपा होती है। इससे समस्त रोग, शोक, संताप व भय नष्ट हो जाते है। साथ ही भक्त को धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है। चमकीला व भास्कर स्वरूप लिए चार भुजाओ वाली सिंह पर आरूढ़, एक हाथ अभय मुद्रा में दूसरा हाथ वरमुद्रा में, तीसरे हाथ में कमल पुष्प एवं चतुर्थ में तलवार धारण किए मां कात्यायनी को व्रज की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है। धर्मग्रन्थो में उल्लिखित है कि मां कात्यायनी की आराधना करने से जीवन में सुख समृद्धि एवं सुविचार का उदय होता है। अपने भक्तो पर प्रसन्न होकर जहां अद्भुत शक्ति का संचार करती है वही दुश्मनो का संहार करने में भक्त को सक्षम भी बनाती है। इनकी उपासना करने वाला अलौकिक तेज से युक्त हो जाता है। कन्याओ के विवाह में विलम्ब होने पर मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। मां को मनोवांछित फल प्रदान करने वाला कहा जाता है। कृष्ण भगवान को पति रूप में प्राप्त करने की इच्छा लिए गोपियों द्वारा इनकी पूजा, उपासना करने का विधान है। मां आदिशक्ति के कात्यायनी स्वरूप पर शास्त्रो में वर्णित एक कथा मिलती है। कंत नामक ऋषि के पुत्र कोत्य के गोत्र में प्रसिद्ध ऋषि कात्यायन का जन्म हुआ। कात्यायन द्वारा मां भगवती को पुत्री रूप में प्राप्त करने हेतु कठिन तपस्या की गई और अन्ततः मां भगवती ने उन पर प्रसन्न होकर उनकी तपस्या के उद्देश्य को स्वीकार किया। त्रिदेवो द्वारा उत्पन्न की गई उस देवी की सर्वप्रथम पूजा ऋषि कात्यायन द्वारा की गई। इसीलिए इन्हे कात्यायनी कहा गया। मां के कात्यायनी स्वरूप पर एक अन्य कथा मिलती है। इसके अनुसार ऋषि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न हुई थी। इसीलिए इन्हे कात्यायनी कहा जाता है। शास्त्रो में उल्लिखित है कि देवी कात्यायनी की आराधना व ध्यान गोधूलि वेला में करने से मां प्रसन्न होती है। उपासक को समस्त आधि व्याधि से मुक्ति के साथ ही धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के फलो की प्राप्ति होती है। इस समय जहां कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है। वही आज लाकडाउन होने के कारण अधिकांश भक्तो ने घरो में ही मां कात्यायिनी का पूजन अर्चन किया। उधर नगर स्थित मां बेल्हा देवी, रानीगंज तहसील क्षेत्र स्थित मां बाराही देवी धाम, सण्डवाचन्द्रिका स्थित मां चन्द्रिकन धाम समेत अन्य देवी मंदिरो में आज छठे स्वरूप मां कात्यायिनी की पूजा विधि विधान के साथ की गई।

 

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.