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रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव विभोर

 संसार को अंधेरे से प्रकाश में लाने के लिए हुआ था भगवान का जन्म – आचार्य भोले जी महाराज
अजगरा, प्रतापगढ़। अजगरा क्षेत्र के अमिलहा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथावाचक आचार्य भोले जी महाराज ने महारास लीला, मथुरा गमन, उद्धव गोपी संवाद व रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे पूरा प्रांगण भक्तिमय हो उठा। कथा ब्यास भोले जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष अष्टमी को रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। भगवान श्री कृष्ण ने संसार को अंधेरे से प्रकाश में लाने के लिए जन्म लिया था। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से भक्तों का कल्याण होता है। भागवत कथा श्रवण मात्र से जीव का कल्याण हो जाता है। घर में शुख-शांति धन-संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती है एवं मनुष्य के सारे कष्ट कट जाते है। श्रीमद् भागवत कथा में अनेक कथाओं का वर्णन किया जाता है जिससे जीवन में अनेक खुशियां आती हैं। भागवत के महारास प्रसंग को केवल कोई विरक्त भगवतप्रेमी ही समझ सकता है। इस अवसर पर यज्ञनारायण तिवारी, लक्ष्मणपुर तृतीय से जिला पंचायत सदस्य प्रत्यासी संजीव मिश्रा, शशिकांत मिश्रा पूर्व प्रधान खरगपुर, कमला शंकर तिवारी, प्रभाशंकर तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, सुनील तिवारी, लालजी, जिलाजीत, कप्तान, रमाशंकर तिवारी, अनुज तिवारी, राजकुमार तिवारी,पुष्पेंद्र तिवारी समेत सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। माताप्रसाद तिवारी ने सभी आगन्तुकों व सहयोग करने वालों के प्रति का आभार जताया। कथा के बाद देर रात तक जागरण का कार्यक्रम चलता रहा।
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