महंगाई ने गरीबो की तोड़ी कमर परिवार का भरण पोषण हुआ मुश्किल
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। लगातार बढ़ रही महंगाई ने गरीबो की कमर तोड़ दिया है। घी, तेल से लेकर डीजल पेट्रोल व अन्य खाद्य सामग्री का दाम आसमान छू रहा है। इससे गरीबो के लिए परिवार का भरण पोषण जहां मुश्किल कर दिया है। वही लोगो का रोजमर्रा का काम भी प्रभावित हो रहा है। लोग अब लाकडाउन की त्रासदी से उबर नहीं पाए है। तमाम लोगो का रोजगार ठप हो गया है। शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थानों से जुड़े लोगो का पेट भरना मुश्किल हो गया है। उधर सरकार भी निजी काम करके पेट भरने वालो के प्रति पूरी तरह उदासीन हो गई है। इससे उनकी परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही है। बताते चले कि लाकडाउन के दौरान लोगो का रोजगार पूरी तरह से ठप हो गया है। लाकडाउन समाप्त होने पर कुछ लोगो का काम धाम किसी तरह चलने लगा मगर निजी शिक्षण संस्थानो के शिक्षक अभी तक इस संकट से उबर नहीं पाए है। साल भर से अधिक समय से इन शिक्षको की आमदनी पूरी तरह ठप है। कोचिंग संस्थान भी बंद ही चल रहे है। सरकार भी सबसे पहले स्कूल या कोचिंग संस्थान की बंद करती है। सरकार को निजी विद्यालयो में पढ़ाने वाले शिक्षको की चिंता नहीं है। वही महंगाई भी लगातार बढ़ती जा रही है। लोग कयास लगा रहे थे कि महंगाई कम होगी मगर आलम यह है कि महंगाई सुरक्षा की तरह बढ़ती जा रही है। पेट्रोल, डीजल, एलपीजी गैस, रिफाइन्ड, सरसो का तेल समेत लगभग सभी खाद्य पदार्थो का दाम काफी बढ़ गया है। लोग इस महंगाई से काफी परेशान है। सब्जी का दाम भी गरीब की पहुंच से दूर हो गया है। ऐसी कोई भी सब्जी नहीं है जो आम आदमी आसानी के साथ खरीद सके। पहले जहां लोग दोनो समय दाल के साथ सब्जी का भी आनन्द उठाते थे। वही अब एक बार दाल तो दूसरे समय सब्जी बनाकर इस महंाई को किसी तरह झेल रहे है। लोगो का कहना है कि इस महंगाई का असर सरकारी कर्मचारियो पर नहीं पड़ रहा है क्याकि सरकार उन्हे भारी भरकम वेतन दे रही है। वही गरीब व निजी काम करेन वालो को अधिक दिक्कत झेलना पड़ रहा है। वे किसी तरह अपना व परिवार का जीवन निर्वाह कर रहे है। लोगो का कहना है कि इस बढती महंगाई ने लोगो का जीवन दुश्वार कर दिया है। लोग गैस सिलेण्डर नहीं भरा पा रहे है। लोग बाजार जाते है तो देखते है कि क्या खरीदू यह समझ से परे हो जाता है। टमाटर, बैगन, भिण्डी से लेकर मिर्चा व नींबू तक का दाम आसमान छू रहा है। इससे लोगो की दिक्कते दिनो दिन बढ़ती जा रही है।