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युवको में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति कच्ची शराब की बिक्री भी चरम पर

प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। जिल की युवा पीढ़ी में नशे की लत दिनो दिन बढ़ती जा रही है। अधिकांश युवक बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला, सुर्ती व गुटखा के साथ ही शराब जैसे जानलेवा नशे के शिकार हो रहे है। इससे युवो के परिजनों पर चिन्ता की लकीरे गहरा गई है। युवक सुबह से लेकर रात तक नशे की लत में घिरे रहते है। इससे उनकी सेहत पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। बताते है कि काफी संख्या में युवक किसी न किसी नशे के शिकार है। बीड़ी, सिगरेट, सुर्ती पान मसाला, गुटखा तो लगभग प्रत्येक युवा की जुबान पर चढ़ चुका है। इनमें प्रयुक्त होने वाला प्रमुख पदार्थ तम्बाकू है। इसकी अनुभूति किसी को भी बार बार सेवन करने को प्रेरित करती है। बाद में यह धीरे धीरे लत का रूप ले लेती है। इसकी पूर्ति करने के लिए वह व्याकुल होकर तब तक भटकता रहता है जब तक उसकी मांग पूरी नहीं हो जाती। इस दौरान उसका मन किसी काम मे नहीं लगता। इस कारण एक बार जो इसकी लत का शिकार हो गया उसे छुटकारा नहीं मिल पाता। यह कारण है कि भारत में कैंसर पीड़ित रोगियो में चालीस फीसदी मुख कैंसर के शिकार है। नशे का एक अन्य रूप जो ग्रामीण क्षेत्र के युवको में प्रचलित है वह महुए की कच्ची शराब का नशा। जो सभी से अधिक घातक माना जाता है। जिले में जहरीली शराब से कई लोगो की जान भी जा चुकी है। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रो के तमाम नशेड़ी इसके आदी हो चुके है। उल्लेखनीय है कि शराब का प्रभाव मुख्यतः आमाशय व किडनी पर पड़ता है। शराब में मौजूद अल्कोहल का 90 फीसदी भाग आमाशय द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। यह धीरे धीरे आमाशय की दीवारों को क्षति पहंुचाता है। ज्ञातव्य हो कि कच्ची शराब निर्माता इसके अधिक नशीला बनाने के लिए महुए एवं सतो के छिलके सड़ाते समय उसमें नशीली गोलियां मिलाकर पीने वालो के जीवन से खिलवाड़ करती है। इसका परिणाम होता है कि इसका सेवन करने वालो की जान का खतरा हमेशा बना रहता है। अभी हाल ही में जनपद मे जहरीली शराब पीने से कई लोग मौत के शिकार हो चुके है। हालांकि इस समय पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

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