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किसानों के लिए अभिशाप बने छुट्टा जानवर और नीलगाय

भीषण शीतलहरी में रात-दिन खेतों की रखवाली करना किसानों के लिए हुआ मुश्किल
मऊआइमा (प्रयागराज)। नीलगायों और छुटटा मवेशियों के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। कड़ाके की भीषण ठंड में खेतों की रखवाली करना किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है। मऊआइमा थाना क्षेत्र में नील गायों और आवारा पशुओं की आयी बाढ से किसानों की खेती बर्बाद हो रही है। किसान जान की बाजी लगाकर खेतों की रखवाली करने को विवश हो गए हैं।राम कुमार, रामनरेश,जियावन, नरेन्द्र आदि ग्राम मऊदोस्तपुर निवासियों ने बताया कि पिछली बार मामूली की चूक ने उनकी आधी फसलों को नीलगायों और आवारा पशुओं ने चर लिया था।इस शीतलहरी में भी फसलों को नीलगायों और आवारा पशुओं द्वारा चूकते ही चट कर जाते हैं। मऊआइमा क्षेत्र के तकरीबन हर गांव के किसानों का बुरा हाल है।मसियांव ताल पर खेती करने वाले काश्तकारों की फसलें हर वर्ष नीलगायों की भेंट चढ़ जाती हैं। जिससे ऊब कर आधे किसानों ने खेती करना बंद कर दिए हैं।
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