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नगर निकाय चुनाव के लिए जिले में पड़े 60.47 वोट

नए सृजित नगर पंचायत मऊ में 69. 70 फीसदी के साथ जिले में अव्वल
चित्रकूट जिले में पूरा दिन मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया कहीं नए सृजित वार्डो पर वोटो की लाइन लगी दिखी तो कहीँ वोटिंग के दौरान पुलिस को घंटो सड़क पर उतरकर चुनाव का महौल विगाड़ रहे लोगों के ऊपर कार्यवाही की गयी।  सबसे खाश बात यह रही कि एक पालिका और तीन नगर पंचायतों के प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटिकाओं में बंद हो गया। जिले में कुल मिलाकर 60.47 प्रतिशत मतदान हुआ। नगर पालिका चित्रकूटधाम के साथ तीन नगर पंचायतों मऊ, मानिकपुर और राजापुर के लिए मतदान हुआ। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने प्राथमिक विद्यालय इस्लामिया तरौंहा नगर क्षेत्र कर्वी, इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय चितरा गोकुलपुर,  उच्च प्राथमिक विद्यालय खोही नगर क्षेत्र चित्रकूट में जाकर व्यवस्थाएं देखीं। कर्वी में कुल 50.9 फीसदी मतदान हुआ। मानिकपुर में 59.10,  राजापुर में 62.20 और मऊ  में 69.70 फीसदी वोट डाले गए। सुबह नौ बजे तक कर्वी में 8.89 फीसदी, मानिकपुर में 10.28, मऊ  में 11.64 और राजापुर में 10.35 फीसदी मत पड़े थे। अपराह्न तीन बजे तक कर्वी में 38.71 फीसदी वोट पड़ चुके थे। मानिकपुर में 43.72, मऊ में 51.87, राजापुर में 48.57 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे। इस समय तक ओवरआल मतदान प्रतिशत 45.71 था। अपराह्न पांच बजे तक कर्वी नगर पालिका के लिए 46.71 मानिकपुर में 53.21, मऊ में 63.81, राजापुर में 58.23 फीसदी मतदान हुआ था। मानिकपुर नगर पंचायत के मुहल्ले पटेलनगर में बुधवार देर रात एक प्रत्याशी के समर्थकों को यह पता चला कि पटेलनगर में एक व्यक्ति लोगों को अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए पैसा वितरण किया जा रहा है। बताया जाता है कि पुलिस को पहले से भी इस संबंध में सूचना मिल रही थी और इसकी तलाश की जा रही थी। उधर, जब आरोपी को यह जानकारी मिली कि पुलिस उसे ढूंढ रही है तो उसने अपना मोबाइल स्विच आफ कर लिया। बाद में लोगों ने उसे मुस्लिम बस्ती के पास पाकर पुलिस को सूचना दी। हालांकि आरोप है कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार न कर शिकायतकर्ता प्रत्याशी के ही तीन समर्थकों को थाने में बैठा लिया। इस संबंध में एक राजनीतिक पार्टी के नेता के इशारे पर इनकी धरपकड़ के आरोप भी लगे। उधर, इस संबंध में थाना प्रभारी वीरप्रताप सिंह ने बताया कि यह गलत है कि शिकायतकर्ताओं को ही पकड़ लाया गया। जिन लोगों को पकड़ा गया है, उन पर ही रुपये बांटने का आरोप था। इनको नोटिस और हिदायत देकर छोड़ा गया है।
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