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समाजसेवी बाबू राजेन्द्र बहादुर सिंह को दी काव्यांजलि,गीत,गजल की बही बयार

प्रतापगढ़। भारत-भारतीय ने चंदापुर में समाजसेवी बाबू राजेंद्र बहादुर सिंह की स्मृति में एक राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया।इसमें उस लोकप्रिय समाजसेवी को काव्यांजलि दी गई।साथ ही राष्ट्रीय एकता,प्रेम, सौहार्द, समरसता की रचनाओं से श्रोताओं को भावविभोर किया गया। शैलेंद्र सिंह के संयोजन में हुए इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष कुंदन सिंह रहे।उन्होंने कवियों को समाज का दिग्दर्शक बताया।विशिष्ट अतिथि पूर्व ब्लाक प्रमुख लालगंज देवेंद्र सिंह सूबेदार रहे। जया मिश्रा की वाणी वन्दना से प्रारंभ हुए इस कवि सम्मेलन को गीतकार अजय सोनी ने -ष्मेरी माँ की दुआओं से मेरा हर काम होता है, जिधर भी मैं चला जाऊँ उधर ही नाम होता है ष्से मातृभक्ति का संदेश दिया। अलीगढ़ के कवि वेद प्रकाश मणि ने अपनी पैरोडी से श्रोताओं को जम कर हँसाया।जया मिश्रा की नारी पर केन्द्रित रचना खूब सराही गई। जौनपुर के सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने अपने हास्य -व्यंग्य से वर्तमान व्यवस्था पर चोट किया। डाॅ०फूलकली पूनम ने श्रृंगार के गीत-गजलों से लोगों के दिल को छुआ। पथिक की हास्य कविताएं भी सराही गईं।

संचालन कर रहे डाॅ०रणजीत सिंह ने शहीद की पत्नी का हुंकारष्से राष्ट्रीय चिन्तन एवं दर्शन की भावाभिव्यक्ति दी। लोकेश त्रिपाठी की रचना सराहनीय रही तो अध्यक्षता कर रहे ओम प्रसाद मिश्र ने कोरोना पर सधी हुई रचना पढ़ा। कार्यक्रम में राज नारायण सिंह, सर्वेश सिंह, निर्भय सिंह,डाॅ०राम समुझ तिवारी,कवीन्द्र नाथ मिश्र,आनंद मिश्र, महेन्द्र सिंह, मुरली लाल ,ओम प्रकाश यादव, राजेश सोनी,मत्स्येन्द्र नाथ मिश्र, मनोज सिंह,विक्की सिंह, प्रमोद जायसवाल सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

 

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