शिव शंकर भयहरणनाथ की महिमा सबसे न्यारी – डा० नीलिमा मिश्रा महिला काव्य मंच पर बही काव्यधारा
कटरा गुलाबसिंह,प्रतापगढ़। 21वें भयहरणनाथ महोत्सव में वही काव्यधारा,प्रसिद्ध पांडवकालीन भयहरणनाथ धाम महोत्सव में महिला काव्य मंच पूर्वी उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष मंजू पांडेय, महक जौनपुरी की अध्यक्षता में डा० नीलिमा मिश्रा के संयोजन और संचालन में कवि सम्मेलन पूरे हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे श्री बालकृष्ण पांडेय , अध्यक्ष रामायण मेला समिति ,श्रृंगवेरपुर धाम और विशिष्ट अतिथि संजय पांडेय एस ओ जेठवार।श्रीमती आभा मिश्रा ने कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की स्तुति से किया । ऋतंधरा मिश्रा ने सारी सारी रतिया जगावे, कोयल तोरी विरहन बोलिया। गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। महक जौनपुरी ने सुनाया रास आयी है मुझे खूब ये संगम नगरी क्योंकि संगम की तरह प्यार तेरा लगता है ।
डा० पूर्णिमा मालवीय ने हिंद की गरिमा समझिए,हिंद को पहचानिए। आज के पावन दिवस पर,बूझिये कुछ जानिये।
सुनाकर देशप्रेम के रंग में रंग दिया।डा० उपासना पांडेय ने सुनाया नारी हूँ मैं! शिव की शक्ति, उनकी भक्ति, प्रकृति का प्रारूप हूँ मैं! श्रीमती आभा मिश्रा ने सुनाया धरा पे तो माँ -बार हैं भगवान का रूप । इनके दिए संस्कार हैं वरदान का रूप । पुष्पलता लक्ष्मी ने स्तनपान कराने वाली रक्त से अब आचमन करो,सुता सुरक्षित रखने को शत्रु का रण में दमन करो।ये पंक्तियाँ सुनाकर । पूरे पंडाल को ओज से भर दिया। आर्य शेखर में गंगा महिमा पर दोहे प्रस्तुत किये वहीं वरिष्ठ कवि श्री अशोक स्नेही और श्री कपिल तिवारी ने वसंत और नारी को समर्पित रचनाएँ प्रस्तुत कीं ।कार्यक्रम का समापन सामाजिक कार्यकर्ता एवं महासचिव ,भयहरणनाथ धाम समिति श्री समाज शेखरके धन्यवाद ज्ञापन से हुआ ।