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मातृभाषा ही सामाजिक एवं भाषाई पहचान

प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। जन शिक्षण संस्थान के तत्वाधान में वि.खं. सदर के खुशखुशवापुर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्थान के निदेशक यू.पी. सिंह ने इस दिवस के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जन्म लेने के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे मातृभाषा कहते है। किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान इससे होती है। यूनेस्को द्वारा दुनिया भर के विभिन्न देशो में उपयोग की जाने वाली 7000 से अधिक भाषाओ की पहचान की गई है। इसी बहुभाषीवाद को मनाने के लिए 21 फरवरी का दिन चुना गया है। भारत में अनेकता में एकता के सिद्धान्त के तहत अपनी सांस्कृतिक विरासत का सदैव आभारी है जिसमें विभिन्न भाषाएं भूमिका निभाती है। कार्यक्रम को संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी अमित प्रताप सिंह तथा सहायक कार्यक्रम अधिकारी वर्षा घुले ने भी सम्बोधित किया।

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