ऋतु बसंत का एहसास होने लगा है मन गुलाबी गुलाबी सा होने लगा है …
सगरा सुन्दरपुर,प्रतापगढ़। बसंत पंचमी के अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन सगरा सुन्दरपुर बाजार के शुक्ला मार्केट मे किया गया। जिसमें कवियों को माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते हुए बसंत की कविताए प्रस्तुत कर लोगो को मदहोश कर दिया । कार्यक्रम की शुरूआत कवियों के द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की गई उसके बाद वरिष्ठ रचना कार अर्जुन साहू की वाणी वन्द्ना से शुरु हुई ।उसके बाद आचार्य अनिल मिश्र ने बसंत पंचमी पर आधारित रचना –ऋतु बसंती का एहसास होने लगा है , मन गुलाबी गुलाबी सा होने लगा है । खुशबू अमराइयों की आने लगी है,कूक कोयल की मन को आने लगी है ।से मंच को ऊंचाईयाँ दी व्यंगकार राधेश पांडेय ने अपनी कविता –पीली सरसों खेत में आम लगे बौर,कटहल मादक हो रहा इस बसंत के दौर । को लोगो ने खूब सराहा श्याम तिवारी ने -मीठी बोली कोयल बोले मन उपवन बन भी खिल जाये ,जड़ चेतन मे भर मिठास विरही मन भी हिल जाये ।खूब सराही गई।अंकित तिवारी ने ओज की रचना- बूथ लूटने पे कहीं पे गोली मार देते कहीं,लाल किला लूटने पे हाँथ बाँध लेते हैं । से देश के हालात पर संदेश दिया अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अनंत राम तिवारी ने करते हुए ने अपनी कविता कुछ यूँ पढी – मेरा आदर्श कथन भर का, मेरा सिद्धांत कथन भर का ,से गोष्ठी को ऊंचाईयाँ दी । उन्होने कवियों को देश और समाज को आगे ले जाने का जिम्मा सौपते हुए समाज की विसंगतियों पर प्रहार करने की जिम्मेदारी दी । गोष्ठी का कुशल संचालन राष्ट्रीय कवि हरिवंश शुक्ल शौर्य ने करते हुए कहा की पियराई सरसों हरष गदराई सी बाल,ऋतु बसंत आया विहस बिछा फागुनी जाल से बसंत ऋतु का वर्णन किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के परशुराम सेना के मण्डल अध्यक्ष,समाज सेवी सन्जय शुक्ल ने कहा कि बसंत के मौसम बच्चे,बूढे कवि पत्रकार सभी मदमस्त हो जाते हैं और फिर खेत खलिहान भी हसने और खिलखिलाने लगते है ऐसे मे मन प्रेम और वियोग मे हिचकोले लेने लगता है । अतिथियों का स्वागत अमालेश के जिला अध्यक्ष अनूप त्रिपाठी ने कहा कि आराध्य की देवी मां सरस्वती का प्रतिदिन पूजा अर्चना करनी चाहिये जिससे हमारी वाणी और लेखनी को मजबूती मिल सके । विशिष्टि अतिथि के रूप में ठेकेदार उदय राज तिवारी रहे । इस मौके पर अशोक गुप्ता , सन्तोष वर्मा बादशाह, डब्लू दुबे ,हरिकेश तिवारी, संजीव तिवारी , सहित क्षेत्रीय मौजूद रहे ।