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फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने का मामला

छात्रा की एक ही वर्ष में बदली गई जन्मतिथि
दो विद्यालय की टीसी में अलग-अलग फर्जीवाड़ा
अयोध्या। फर्जी व कूटरचित तरीके से पहले पास की बनाई मार्कसीट फिर उसी आधार पर आगे की शिक्षा उसके बाद विद्यालय में अध्यापिका की नौकरी यह सब एक छात्रा व उसके भाई द्वारा किया गया हैं। ऐसा ही एक मामला नगर के फार्स इंटर कालेज रिडगंज का सामने आया हैं। जहां विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष स्व. निजाम असरफ की पुत्री आफरीन फातिमा से जुड़ा है जो उसी कालेज में बतौर अध्यापिका तैनात है। विद्यालय पत्रावली संख्या एफ-46998 का अध्यक्ष इकबाल खां के अधिवक्ता विवेक चंद सोनी द्वारा एक स्थानीय होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों को मामले की जानकारी देते हुये बताया कि। फ़ार्स इंटर कालेज में कार्यरत अध्यापिका आफरीन फातिमा की दो जन्मतिथि जिसमें कनौसा कानमेंट में कक्षा 9 की टीसी में 8 जून 1981 तथा मेथोडिस्ट गलर्स हायर सेकेंडरी स्कूल कैन्ट में कक्षा 10 ब के 17 जुलाई 1995 में विद्यालय प्रवेश पत्र में जन्मतिथि 16 अक्टूबर 1980 अंकित हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह  अध्यापिका के भाई सुल्तान अशरफ से आपराधिक षडयंत्रपूर्वक स्वयं को कक्षा 9 सार्वजनिक इंटर कालेज रनापुर फैजाबाद से उत्तीर्ण कर फर्जी, कूटरचित तथा तथ्यगोपन कर टीसी तैयार कर, जानते-बूझते हुए उसका उपयोग कर उसी आधार पर भाई के संरक्षक में मिशन स्कूल में वर्ष 1996 में कक्षा 10 विज्ञान वर्ग में बिना साल गवाये कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश प्राप्त करते हुए हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण कर आगे की शिक्षा पूरी की गयी। इस सम्बंध में आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी में सार्वजनिक इंटर कालेज रनापुर के प्राचार्य लल्लन यादव ने सूचना देते हुए स्पष्ट किया है कि वर्ष 1994-95 में कक्षा 9 में इस नाम की कोई भी छात्रा इस विद्यालय में न तो रही और न ही किसी परीक्षा में भाग लिया था। सूचना में यह भी बताया कि उनका विद्यालय हाईस्कूल तथा इंटर में केवल कला वर्ग से मान्यता प्राप्त है। इससे आफरीन व उनके भाई सुल्तान असरफ की साजिश का पता गल रहा हैं। वादी द्वारा एसएसपी को प्राथना पत्र देकर फार्स इंटर कालेज की अध्यापिका  आफरीन व उनके भाई सुल्तान अशरफ के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर वैधानिक कार्यावाही किये जाने की मांग की हैं।
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