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मोक्षदायिनी है श्रीमद् भागवत कथा आचार्य देवव्रत ननौती में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में जुटी श्रोताओं की भीड़

सांगीपुर, प्रतापगढ़। ब्लॉक सांगीपुर के ग्राम ननौती (पूरे भोला पांडे) में प्रयागराज की पावन धरती से पधारे लब्धप्रतिष्ठित कथाव्यास आचार्य देवव्रत जी महाराज ने प्रथम दिवस की श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रीमद्भागवत महापुराण के महत्व पर अपनी व्याख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह कथा मोक्षदायिनी है। स्वामी सुखदेव महाराज जी ने राजा परीक्षित के उद्धार के लिए इस कथा को पहली बार सुनाया था। उन्होंने आगे बताया कि वेद और पुराणों के निचोड़ श्रीमद् भागवत कथा रूपी अमृत का पान करने से जीव को मुक्ति मिलना सुनिश्चित है। वे भक्त बड़े पुण्य के भागीदार होते हैं जिन्हें कथाओं में जाने का शुअवसर मिलता है। क्योंकि अन्यत्र नहीं, बल्कि कथाओं में ही शांति मिलती है। आचार्य जी ने आत्मदेव, धुंधली, धुंधकारी व गोकर्ण की कथा सुनाते हुए बताया कि जीवन की ब्यथा मिटाने के लिए श्रीमद् भागवत कथा ’टॉनिक’ का काम करती है। जिससे प्राणी, पाप मुक्त हो जाता है। कथाव्यास जी ने कहा कि नमस्कार, बंदन और प्रणाम के  अलग-अलग अर्थ हैं। उन्होंने तीनों शब्दों का श्री रामचरितमानस के प्रसंगों का उदाहरण देते हुए अंतर बताया।
मुख्य यजमान की भूमिका में श्रीमती कलावती तिवारी रहीं तथा व्यवस्था संचालन का दायित्व, मुख्य आयोजक राजकुमार तिवारी उर्फ राज तिवारी ने संभाला। संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा में अपनी अवसरोचित स्वर लहरी में संगीतकारों ने चार चांद लगाया।
प्रथम दिवस की इस कथा में पंडित अंबिका प्रसाद पांडे, वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन, सेवानिवृत्त शिक्षक बम बहादुर सिंह राजेंद्र, राम यज्ञ मिश्र, राजेश सिंह डेली, शारदा प्रसाद तिवारी, ओंकार नाथ ओझा, रघुनाथ पांडे, पुत्ती लाल यादव, हर प्रसाद शुक्ला, आर यल सिंह, रामबचन तिवारी, प्रधानाचार्य के. के. सिंह, कु. पंकज सिंह, रमेश गुप्ता आदि बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन, महिलाएं व बच्चे उपस्थित रहे।

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