महिलाओ ने पति के दीर्घायु को वट सावित्री का किया पूजन
कोरोना से बचाव के नियमो का किया पालन
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। महिलाओ ने आज गुरूवार को पति के दीर्घायु तथा सुख समृद्धि की कामना के साथ वटसावित्री का व्रत रखकर पूजन अर्चन किया। साथ ही पूजा के दौरान कोरोना से बचाव के नियमो का पालन करते हुए कार्यक्रम सम्पन्न किया। सौभाग्यवती महिलाएं ज्येष्ठ मास की अमावस्या को पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री व्रत रखती है। शहरी क्षेत्र की महिलाओ ने घरो में जहां बरगद की डाल का पूजन किया। वही तमाम महिलाओ ने बेल्हा देवी धाम के मार्ग स्थित बरगद के वृक्ष का पूजन अर्चन कोरोना महामारी से बचाव के नियमो का पालन करते हुए किया। पूजन के दौरान महिलाओ ने परिवार की सुख शांति एवं पति के लम्बी उम्र की कामना की। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन सावित्री ने पति सत्यवान के जीवन को वापस लायी थी। इसके लिए उन्होने वट वृक्ष के नीचे बैठकर तथा व्रत रखकर पूजन किया था। वृक्ष केनीचे गोद में पति का सिर रखकर बैठी सावित्री ने जब देखा कि यमराज पति का जीवन लेकर दक्षिण दिशा की ओर जा रहे है। उस दिन अमावस्या थी। उन्होने यमराज को पति का जीवन देने के लिए मजबूर कर दिया था। यमराज उनके पति को जीवनदान देकर चले गए थे। इस दिन व्रत रखने से महिलाओ की हर कामना पूरी होती है। साथ ही पति की आयु लम्बी होती है। तमाम महिलाएं संतान की प्राप्ति के लिए भी वट सावित्री का व्रत रखकर पूजन करती है। इसी वजह से बरगद का वृक्ष काटा नहीं जाता है। मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा लम्बी आयु, सुख समृद्धि एवं अखण्ड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के संताप को मिटाने वाली होती है।
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