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मतगणना नजदीक,प्रत्याशियों की धुकधुकी बढ़ी सभी प्रत्याशी अपनी ही गुणा गणित से जीत का कर रहे दावा

सरांय अकिल/कौशाम्बी ।  ग्राम सभा भगवानपुर बहुंगरा में ग्राम पंचायत चुनाव संपन्न हुआ, चुनाव की आँधी अब हार जीत पर अटकी है मतगणना की तिथि अब नजदीकी है इससे प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों की बेचैनी बढ़ गई है हार जीत की चुनावी गणित में प्रत्याशी व समर्थक उलझे हुए हैं हर प्रत्याशी के समर्थक अपनी जीत को लेकर अस्वस्थ है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान 29 अप्रैल को संपन्न होने के बाद से प्रत्याशी व समर्थक अपनी जीत का दावा करते हुए दिखाई देते हैं अपनी बात को ऊंचा करने के लिए वह अपना चुनावी गणित भी सामने रख कर अपने पक्ष में ही मतदान होने की बात कर रहे हैं फिलहाल चुनावी परिणाम 2 मई को मतगणना के बाद आएगा लेकिन इसे लेकर सभी प्रत्याशी चुनावी गणित में उलझा हुआ है मतगणना की तिथि नजदीक होने के कारण प्रत्याशी तथा उनके समर्थकों की बेचैनी भी बढ़ गई है पंचायत चुनाव की आँधी अब  हार जीत पर अटक गई है। लगभग सभी विकासखंड क्षेत्रों के गांव में हार जीत का गुणा गणित लगाई जा रही है प्रधान पद के लिए जहां एक ओर के लिए मारामारी रही वही जिला पंचायत सदस्य के लिए अपनी अपनी ग्राम पंचायतों में प्रत्याशियों को एक तरफा समर्थन मिला है इससे जिला पंचायत सदस्य का ट्रैक्टर किधर दौड़ेगा यह अभी कह पाना मुश्किल है। हालांकि जिला पंचायत सदस्य के पदों पर देखा गया कि जो जिस ग्राम पंचायत का रहा वहां आसपास की गांव में सभी प्रधान व बीडीसी के प्रत्याशी मिलकर गांव में जिला पंचायत सदस्य को वोट दिलाएं हैं ऐसे में जिला पंचायत सदस्य की लड़ाई रोमांचक हो गई है फिलहाल वोट पड़ने के बाद से ही गांव के चाय पान की दुकानों व चबूतरे पर चुनाव में हार जीत का गुणा गणित लगाया जा रहा है। ग्राम प्रधान पद के लिए गांव में कांटे की टक्कर रही। पड़े मतों में जातिगत आंकड़ा निकालकर महिला व पुरुष मतदाताओं को अलग करके अपने पक्ष में समीकरण बता रहे हैं हालांकि चुनावी चर्चा के दौरान सभी प्रत्याशी वह समर्थक अपनी ही जीत का दावा कर रहे हैं अब देखना यह है कि 2 मई को बैलेट बॉक्स में कौन-किस प्रत्याशी का कार दौड़ेगा की कैमरा सबकी कलेक्शन कर पाता है कि खड़ाऊ पहनने का समय आया कि कोट पहनकर राजशाही करे य कन्नी से अपना गढ़ बना पाता है या फिर खटिया बिछा के सोता ही रहता है। य क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रत्याशी ठंडी में अलाव जला के समाज को साथ मे बैठ कर सबको साथ चल पाता है या कौन मतगणना स्थान से चेहरे पर मायूसी ले कर घर वापस चला जाता है यह देखना बहुत ही दिलचस्प है।

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