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श्रीराम का चरित्र अत्यंत ही प्रेरणास्पद – प्रो. सीमा सिंह

भारतीय संस्कृति में राम विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी का एमडीपीजी कालेज में शुभारंभ

प्रतापगढ़। हिन्दुस्तानी एकेडमी प्रयागराज एवं मुनीश्वर दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रतापगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय भारतीय संस्कृति में राम विषयक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज महाविद्यालय के कांफ्रेंस हॉल में उद्घाटन हुआ। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज की कुलपति प्रोफ़ेसर सीमा सिंह ने प्रभु श्रीराम के चरित्र से प्रेरणा लेने एवं उनके किसी एक गुण को अपने जीवन में धारण करने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन को सफल बनाना है तो प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपनाना होगा। विशिष्ट अतिथि हिन्दुस्तानी एकेडमी उत्तर प्रदेश के सचिव एवं  उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के परीक्षा नियंत्रक डीपी सिंह ने कहाकि भारतीय संस्कृति की आत्मा और प्राणतत्व भगवान राम के जीवन मूल्यों एवं चरित्र से प्रेरित होती है। प्रबंध समिति महाविद्यालय के अध्यक्ष प्रमन मिश्र ने कहा कि भारतीय सनातन धर्म में श्री राम की महिमा सर्वग्राही है। प्रभु श्रीराम भारतीय संस्कृति की चेतना के प्राणतत्व हैं। प्रबंध समिति के मंत्री आनंद पांडे  ने प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की बात की। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर मनोज मिश्र ने सभी विद्वानों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए सफल आयोजन की शुभकामनाएं दीं और कहा कि आदि अनादि काल से अगर हमारी संस्कृति जीवंत रही है तो उसके मूल में श्री राम ही हैं। भारतीयता की पहचान श्री राम से है। उद्घाटन सत्र में महाविद्यालय आयोजन समिति द्वारा पंडित मुनीश्वर दत्त साहित्य महोपाध्याय सम्मान प्रोफ़ेसर एस वी एस एस नारायण राजू  हिंदी विभाग सेंट्रल यूनिवर्सिटी तमिलनाडू,  पंडित विद्या शंकर पांडे साहित्य भूषण सम्मान प्रोफेसर राजेश कुमार गर्ग हिन्दी विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय, पंडित श्याम शंकर मिश्र साहित्य शिरोमणि सम्मान प्रोफ़ेसर हरीराम मिश्र संस्कृत विभाग जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली, न्यायमूर्ति जगदीश चंद्र मिश्र साहित्य रत्न सम्मान श्री डी पी सिंह सचिव हिन्दुस्तानी एकेडमी उत्तर प्रदेश प्रयागराज एवं मुनीश्वर दत्त साहित्य महोपाध्याय सम्मान प्रोफ़ेसर सीमा सिंह कुलपति उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज को प्रदान किया गया। उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर हरि राम मिश्र एवं विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रोफ़ेसर एस वीएसएस नारायण राजू और प्रोफेसर राजेश कुमार गर्ग ने अपने व्याख्यान दिए । इसके बाद द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर चंदन कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय और विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रोफ़ेसर योगेंद्र प्रताप सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रभु श्रीराम पर अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संयोजन महाविद्यालय की हिंदी विभाग के डॉ अरुण कुमार मिश्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रो शैलेंद्र मिश्र, प्रो राजीव मालवीय, प्रो अरुण कुमार श्रीवास्तव, प्रो अरविंद मिश्र, प्रो किरण मिश्रा, प्रो राधाकृष्णन दूबे, प्रो ऊषा दूबे, प्रो ऊषा तिवारी, डाॅ सी एन पांडे, डॉ अभिषेक सिंह, डाॅ संजय दुबे, डाॅ डी के पाण्डेय, डाॅ बलराज मिश्र सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

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