हमेसा क्षेत्र नदारत रहने वाले नेताओं को आने लगी बिकास की याद
कौशाम्बी। भाजपा की लहर में बिना किसी मेहनत के जीत हासिल करने वाले सत्ता पक्ष के नेताओं को अचानक अपने क्षेत्र की याद सताने लगी है, और चुनाव की आहट लगते ही अचानक उन्हें विकास की तेज गति भी आंखों में दिखाई देने लगी है। नतीजन क्षेत्र में बहुत ही कम समय देने वाले नेता अब गांव गांव भ्रमण करते देखे जा रहे हैं व देखे जाएंगे । ज्ञात हो कि जहां मोदी व योगी लहर में कुछ सत्ता पक्ष के नेताओं ने आगे के 5 सालों में भी अपनी नीव को मजबूत किया है ,वहीं कुछ ऐसे भी नेता है जो कभी भी क्षेत्र में जाना पसंद नहीं किया। सूत्रों की माने तो कुछ नेता जी द्वारा अपनी बिरादरी के लोगों को छोड़ आम लोगों के किसी भी सांस्कृतिक प्रोग्राम या शुभ अवसरों पर जाना कभी भी उचित नहीं समझा ।जो आज क्षेत्र के विभिन्न गांव की तरफ अपना मुखौटा घुमा दिए है। 5 साल के नतीजों को देखा जाए तो विकास के नाम पर तमाम ऐसे गांव पड़े हैं जहां पर किसी भी प्रकार की कोई दिलचस्पी नहीं ली गई ।जनता के बुलाने पर भी कभी भी सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा क्षेत्र में जाना उचित नहीं समझा गया।
सूत्रों की माने तो कुछ नेताओं द्वारा पूरे 5 वर्ष केवल अपनी प्रार्थना में लगे लोगों का व अपने आगे पीछे चलने वाले लोगों की तरफ ही ध्यान दिया गया है। वहीं आम मतदाता के पास जाना उन्होंने अपने इमेज के खिलाफ समझा। अब जब विधानसभा चुनाव का बिगुल पूरी तरह से सामने है तो 5 वर्ष जनता के मत को पूरी तरह से तवज्जो न देने वाले नेताओं को गांव के विकास व जनता के दुख दर्द की पूरी तरह से तकलीफ सताने लगी है। नतीजन हमेशा जनता से दूर रहने वाले नेता अब गांव की तरफ पूरी तरह से मुख करके जनता की गणेश परिक्रमा करने को तैयार हो रहे हैं ।जबकि अधिकतर गांव की जनता ने जनता से पांच वर्षो तक मुंह मोड़ने वाले व जनता की तरफ स्वयं को अभिवादन कराने की मंशा से देखने वाले नेताओं को मुंह में ही जवाब देने का प्लान बना लिया है।