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14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी कराना कानूनी अपराध

कुंडा प्रतापगढ़। सक्षम फाउण्डेशन कालाकांकर द्वारा बाल मजदूरी रोकथाम के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन रामपुर गड़ौली के कमल्ली चक गाॅव में किया गया। सक्षम फाउण्डेशन के अध्यक्ष डाॅ रणजीत सिंह ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को यदि किसी व्यवसाय या किसी प्रक्रिया में नियोजित या कार्यरत पाया जाता है, तो वह बाल श्रम है। किसी भी प्रकार के व्यवसाय व प्रक्रिया में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का कार्य अथवा नियोजन प्रतिबंधित है। इसके लिए बाल और किशोर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के अधीन दंड का प्रावधान है। इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों तथा उनके अभिभावकों को बच्चों के अधिकारों एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करना है।
इस अवसर पर विशेष रूप सें आमंत्रित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ नवीन सिंह ने कहा कि बाल मजदूरी का सबसे बड़ा कारण हमारे देश में गरीबी का होना है। गरीब परिवार के लोग अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ होते हैं। इसलिए वे अपने बच्चों को बाल मजदूरी के लिए भेजते हैं। शिक्षा के अभाव के कारण अभिभावक यही समझते हैं, कि जितना जल्दी बच्चे कमाना सीख जाएं उतना ही जल्दी उनके लिए अच्छा होगा ।कृषि वैज्ञानिक डाॅ स्वाती दीपक दूबे ने कहा कि बाल मजदूरी को बढ़ावा इसलिए भी मिल रहा है, कि बच्चों को कार्य करने के प्रतिफल के रूप में कम रूपये दिेये जाते हैं। जिसके कारण लोग बच्चों को काम पर रखना अधिक पसन्द करते हैं। साथ ही साथ भारत में जनसंख्या बृद्धि दर बहुत तेजी से हो रही है। जिसके कारण गरीब लोग अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पाते हैं। इसलिए परिवार के सभी सदस्यों को मजदूरी करनी पड़ती है। इसलिए न चाहते हुए भी बच्चों को मजदूरी करनी पड़ती है। इस अवसर पर सक्षम फाउण्डेशन के अध्यक्ष डाॅ रणजीत सिंह, सचिव मनीष सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ नवीन सिंह, डाॅ स्वाती दीपक दूबे, महेन्द्र सिंह, अनिल सिंह तथा छोटे लाल यादव, विजय यादव, कपिल गुप्ता, मुस्तफा, हेमराज, अरूण शुक्ला, रवि शंकर समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
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