Logo

संस्कृत पढ़ने से आता है संस्कार:- रुद्र नारायण पाण्डेय

कुंडा प्रतापगढ़। लखनऊ उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित गृहे गृहे संस्कृतम् योजना का सितंबर मासीय चक्र का समापन प्रतापगढ़ जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय नेवादा टेकीपट्टी में हुआ। जिसमें अध्यक्ष रूप में विराजमान उमेश चंद्र ने सभी शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत पढ़ने और पढ़ने से होगा जन-जन का कल्याण। संस्कृति हमारी धरोहर है इसे बचाए रखना हम सब का परम कर्तव्य है। मुख्य अतिथि  के रूप में पधारे पंडित अजितेश  शास्त्री ने बताया की संस्कृत समस्त भाषाओं की जननी है और कहा कि संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है संस्कृत में चार वेद और 18 पुराण आदि संस्कृत में लिखे गए हैं। विद्यालय के खेल कूद के अध्यापक प्रभाकर सिंह ने बताया कि संस्कृत भारत की जीवन दायनी हैं हम सभी को संस्कृत अवश्य पढ़ना चाहिए और संस्कृत कंप्यूटर के लिए भी बहुत उपयोगी है। भारतीय गौरव की रक्षा के लिए सभी को संस्कृत पढ़ना चाहिए और इसका प्रचार-प्रसार हम सबको करना चाहिए क्योंकि यह परम गौरव का विषय है कि संस्कृत संभाषण शिक्षक रुद्र नारायण पांडे ने अपने संस्थान के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की तरफ से ऑनलाइन ऑफलाइन सभी को नि:शुल्क संस्कृत शिक्षण प्राप्त कराया जा रहा है। हम सभी को इसका लाभ अवश्य लेना चाहिए और संस्कृत को हर घर तक पहुंचाना यह हमारा परम कर्तव्य है। संस्कृत पढ़ने और बोलने से लोग संस्कारवान होंगे और हमारा ही नहीं अपितु संस्कृत पढ़ने से समस्त विश्व का कल्याण होगा। वैदिक परंपरा के अनुसार दीप प्रज्वलित करके सरस्वती पूजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन रामबाबू श्रीवास्तव ने सभी को संस्कृत पढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में  व्यवस्थापक सत्यम कुमार,आलोक शुक्ल और क्षेत्र के सम्मानित व्यक्ति और नन्हे मुन्ने बच्चे एवं पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.