नकली धान के बीजो से सज गई दुकान
कम समय में अधिक उत्पादन बताकर किसानो को ठग रहे दुकान
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। धान की नर्सरी डालने के पहले किसानो को ठगा जा रहा है। कम समय में अधिक उत्पादन का धोखा देकर नकली बीज किसानो को उंचे दाम पर बेचा जा रहा है। शासन की ओर से धान की प्रजाति डीएनए दामिनी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद दुकानदार चोरी छिपे बेच रहे है किसानो को ठगने के लिए शहर एवं ग्रामीण इलाको के बाजारो मंे धान की दुकाने सज गई है। हाइब्रिड एवं अच्छी प्रजाति के बीजो को महंगे दामो में बेचा जा रहा है। हरे, लाल, नीले, पीले रंगो के पैकेट में बिकने वाला धान का बीज खुलेआम बेचा जा रहा है। दुकानो पर पहुंचने वाले किसान कम समय और कम लागत में अच्छी पैदावार वाली प्रजाति का बीज मांगते है तो दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक दाम वसूलने के साथ ही नकली बीज बेच देते है। विभागीय जानकारो की माने तो दुकानदार सामान्य धान को रंगकर तथा रंगीन पैकेटो में भरकर उसे फाउन्डेशन बीज बताकर बेच रहे है। बीते वर्ष भी कई किसान इसी प्रकार ठगे गए थे। उरी गांव व पूरेखेवन गांव निवासी किसानो की बातो पर गौर करे तो बीते वर्ष महंगा धान का बीज खरीदकर नर्सरी डाले थे। नर्सरी के बाद धान की रोपाई हुई। इसके बाद पूरे सीजन में आठ बार सिचाई करने के बाद भी धान में बाली नहीं निकली। यह किसी एक या दो किसान की पीड़ा नहीं है। जबकि सैकडो किसान ऐसे है जो ठगी का शिकार हो रहे है। जानकारो की माने तो कृषि विभाग के अधिकारियो की सेटिंग के चलते किसानो को ठगा जा रहा है। इसीलिए विभागीय अधिकारी जांच का अभियान नहीं चलाते है। हालांकि विभागीय अधिकारी भी स्वीकार करते है कि दुकानो पर गड़बड़ी हो सकती है। ऐसे में किसानो को कृषि बीज गोदामो से खरीदना चाहिए। वैसे जल्द ही जांच अभियान चलाने की बात भी कही है।