आरपीएफ दारोगा के निलंबन में टाइमिंग का झोल.
आरोपी की रिपोर्ट में घटना का जिक्र एसएम की सूचना से नहीं खा रहा मेल
दोनों में लगभग एक घंटे का फर्क, चर्चाओं का बाजार गर्म
प्रतापगढ़। बेहोश यात्री को अटेंड करने में लापरवाही का आरोप लगाकर आरपीएफ के दारोगा पर निलंबन की जो कार्रवाई हुई है। उसमें ट्रेन की टाइमिंग की सूचना में झोल नजर आता है। स्टेशन मास्टर और दारोगा दोनो के आगमन पर प्रस्थान के समय में करीब एक घंटे का अंतर आ रहा है। जो अकेले दारोगा के निलंबन की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। ट्रेन नंबर 13308, गंगा सतुलज एक्सप्रेस में 13 दिसंबर को बिहार के एक वृद्ध दंपति बेहोश मिले थे। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में काफी विलंब हुआ था। परिचालन अफसरों के हिसाब से इस चक्कर ट्रेन करीब नब्बे मिनट लेट हुई। इसमें आरपीएफ के दारोगा पर लापरवाही तय हुई। उन्हें निलंबित कर दिया गया। उन पर यह आरोप लगाया गया है कि वे समय पर ट्रेन में नहीं पहुंचे। जिससे यह नौबत आई। इस पूरे मामले पर गौर फरमाने पर मालूम होता है कि स्टेशन मास्टर की रिपोर्ट के हिसाब से उक्त ट्रेन चार बजकर बारह मिनट पर प्लेटफार्म पर आई और पांच बजकर बयालीश मिनट पर छूटी। इस हिसाब से नब्बे मिनट खड़ी रही। सूत्रों के अनुसार जबकि दारोगा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ट्रेन करीब सवा चार बजे आई है। घटना की सूचना पांच बजकर छब्बीस मिनट पर मिली। उसके बाद दोनो यात्रियों को जिला अस्पताल भेजा गया। इस हिसाब से तो दारोगा की तरफ से ट्रेन लेट नहीं हुई है। एसएम भी अपनी जगह सही हैं। दोनो की सूचना में करीब एक घंटे का अंतर आना चर्चा का विषय बना हुआ है।