देव दीपावाली पर 4 लाख दीयों की रोशनी से रोशन हुए संगम के घाट
योगी सरकार ने त्रिवेणी के घाटों में दीपोत्सव को दी नई पहचान
लेज़र लाइट एंड साउंड शो के साथ सैंड आर्ट्स ने बनाया आयोजन को विशेष
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज में त्रिवेणी के तट लगने वाले महाकुंभ को भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान किया है। कुंभ और माघ मेले के अलावा कार्तिक पूर्णिमा पर संगम किनारे के घाटों में वाराणसी के घाटों की तरह दीपोत्सव के आयोजन की परंपरा भी योगी सरकार की देन है। इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा पर को इस पर्व को भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान किया गया। प्रयागराज का संगम तट कार्तिक पूर्णिमा पर 4 लाख दीपों की श्रृंखला से जगमगा हो उठा। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन तट दीपों की रोशनी की अनुपम छटा से तरह-तरह के भाव और परिकल्पनाएं साकार हो उठी। प्रयागराज के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल बताते हैं कि 4 लाख दीयों को रोशन करने के लिए सम्पूर्ण संगम क्षेत्र को 15 सेक्टर में विभाजित किया गया। सभी सेक्टर में सेक्टर सुपरवाइजर को इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई। विभागवार दीपमालाएं प्रज्जवलित करने का लक्ष्य सभी को दिया गया जिसके बाद यह आयोजन धरातल पर उतरा है।
आयोजन स्थल पर एम्बुलेंस के साथ-साथ सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित कराई गई। शहर से संगम जाने वाले सभी मार्गों पर साइनेज और वाहनों के पार्किंग आदि की व्यवस्था भी की गई। पार्किंग प्लान बनाकर व्यवस्थित ढंग से गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए पुलिस अधीक्षक यातायात पुलिस कर्मियों की टीम वहां लगाया गया। इसके अलावा अग्निशमन की तीन गाड़ियां और पुलिस कर्मी भी मौके पर तैनात रहे। इस आयोजन में इस बार चौराहे से लेकर लोगों की छतों तक को रोशनी से जगमग किया गया। लेकिन मुख्य आयोजन वीआईपी किला घाट से लेकर संगम नोज तक सुनिश्चित किया गयासंगम के घाटों के अलावा प्रयागराज में गंगा और यमुना के आधा दर्जन से अधिक घाटों में भी इसी तरह के दीपोत्सव का आयोजन किया गया। प्रशासन की अपील पर कई सामाजिक संगठनों ने भी इस कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। इसी क्रम में हरिहर गंगा आरती समिति की ओर से रामघाट पर दीपोत्सव की विहंगम छटा प्रस्तुत की गई। रामघाट पर समिति की ओर से 51 हजार दीये जलाए गए। इसी तरह मातृ स्नेह फाउंडेशन की ओर से अक्षयवट घाट पर 11 हजार दीपों की लड़ियां सजाई गई। कार्तिक महोत्सव आयोजन समिति की ओर से बलुआघाट की बारादरी पर 51 हजार दीये जलाए गए और परिवर्तन मानव विकास संस्थान की ओर से ककरहा घाट पर 51 हजार दीपों की मालाएं सजाई गई । विश्व पुरोहित परिषद की ओर से अरैल घाट पर 21 हजार दीप जलाए गए जिन्हें देखने के लिए आसपास के इलाकों से हजारों लोग मौजूद रहे।
