207 कछुआ के साथ जीआरपी ने दो तस्कर पकड़े
वन विभाग को सौंपे गए कछुए, सई नदी में छोड़ने की तैयारी
मालदा टाउन ट्रेन से कोलकाता ले जाने की थी तैयारी
प्रतापगढ़। जीआरपी ने कछुआ तस्करी करके ले जा रहे दो तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। इनके कब्जे से बैग और पोटली में बंद 207 कछुओं को आजाद कराकर उन्हें वन विभाग की टीम के सुपुर्द कर दिया गया है। वन विभाग के अधिकारी कानूनी लिखा पढ़ी करके कछुओं की सई नदी में छोड़ने की तैयारी में है। जीआरपी एसओ अरुण सिंह उपनिरीक्षक राम जी के साथ मयफोर्स प्लेटफार्म दो पर गश्त कर रहे थे। इसी बीच पुलिस वालों की नजर एक जगह काफी संख्या में रखे बैग और पोटली पर पड़ी। ध्यान से देखा तो बैग के अंदर कुछ चल रहा था। उन्हें शक हुआ। पुलिस को बैग की तरफ आता देख आसपास खड़े लोग भागना शुरू किए। उनमें से दो को दौड़ा कर पकड़ लिया गया। उनके साथ सारा सामान थाने पर लाया गया। बैग को खोलकर देखा गया तो उसमें कछुआ भरे थे। जो पोटली का मुंह खुलते ही बाहर निकलकर भागने लगे। पकड़े गए दोनो तस्करों ने पूछताछ में बताया कि वे लोग कछुआ को तस्करी करके कोलकाता और पश्चिम बंगाल ले जा रहे थे। स्टेशन पर मालदा ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी पकड़ लिए गए। एसओ जीआरपी अरुण सिंह ने बताया कि पकड़े गए दो तस्कर सोनू और मेहराची पकड़ी जिला सुल्तानपुर के हैं। इनके कब्जे से 207 कछुए जो कि बैग और बोरी में भरे थे। बरामद किया गया है। वन विभाग वालों को बुलाकर उन्हें सुपुर्द कर दिया गया है। कछुओं की बाजार में कीमत के बारे में जानने के लिए डीएफओ को फोन किया तो उन्होंने बताया की अभी जांच पड़ताल चल रही है। इस सफलता पर सीओ जीआरपी संजीव सिन्हा ने पुलिस टीम की सराहना की है।
ट्रेन लेट हो गई और पकड़े गए
बनारस जाने वाली 14004 मालदा टाउन ट्रेन अगर लेट न होती तो कछुआ तस्कर पकड़ में न आते। तस्कर रात में प्लेटफार्म के अंदर दाखिल हो गए थे। सुबह ट्रेन से निकल जाने की तैयारी थी। संयोग से ट्रेन करीब तीन घंटा लेट हो गई और वे पुलिस के हाथ लग गए। ट्रेन का समय साढ़े पांच का है। उस समय पुलिस नहीं थी। आसानी से निकल जाते।
अपने नेचर से बचे कछुए
कछुओं का रेंगना और कुलबुलाना उनके स्वभाव का हिस्सा है। आज यही आदत उनके जीवन को बचाने की एक बड़ी वजह भी बनी। पुलिस वालों का कहना है कि बैग में कुछ कुलबुलाते देख ही उन्हें शक हुआ था। वरना वे लोग जान ही न पाते कि अंदर कछुआ है।
छः घंटे बाद पहुंची वन विभाग की टीम
जीआरपी वालों के फोन करने के करीब छः घंटे बाद करीब दो बजे के बाद वन विभाग की टीम थाने पहुंची। गर्मी में कैद कछुओं की हालत खराब हो गई थी। जैसे ही टीम ने बैग खोला कछुए बाहर निकलने के लिए बेताब दिखे। वन एसडीओ शेख मुज्जम के अनुसार 22 जुलाई को पौधरोपण की तैयारी में सब बिजी हैं।