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करोड़ों की लागत से बनी एकल ग्राम पेयजल योजना के बावजूद पानी के लिए भटकते ग्रामीण

खीरी (प्रयागराज)। यमुना पार के मेजा तहसील के दक्षिणांचल  एवं पश्चिमांचल के कई गांव में सरकार द्वारा करोड़ों की लागत से एकल ग्राम पेयजल सप्लाई टंकी बनी हुई है जो देखने के लिए शोपीस बनकर रह गई है। कई वर्षों से ग्रामीणों ने आस लगाए हुए हैं कि अब पाइप द्वारा पेयजल लोगों के घरों तक पहुंचेगा यह व्यवस्था सरकार के द्वारा बनाई गई असफल दिखाई दे रही है। ग्रामीणों ने बताया कि जमीन में बिछाई गई पाइपलाइन पूरी तरह से जर्जर हो गई है। वही सपा नेता बंश राज यादव सिंहपुर गांव के निवासी ने कहा कि हमारे यहां की एकल पेयजल योजना 2013 से तैयार है जिसकी अनुमानित लागत रू 44.35 लाख है जिसकी सप्लाई टंकी रंगाई पुताई करके देखने लायक हैं पानी की बात की जाए तो दसों वर्ष पहले बनी सप्लाई टंकी आज तक पानी पहुंचाने में असमर्थ है कही भी विभाग द्वारा एक ऑपरेटर नही नियुक्त किया गया है जबकि सिंहपुर गांव पहाड़ी से जुड़ा हुआ है यहां पर कोसों दूर से पानी ले आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पशुओं के लिए भी पानी सिर पर रख कर लाना पड़ रहा है। इसी क्रम में पटेहरा गांव में बनी पेयजल सप्लाई टंकी कई वर्षों से लोगों को पानी के लिए ठेंगा दिखा रही है अधिकारी कर्मचारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाते। इसी प्रकार ग्राम पंचायत पिपराव के गडरिया मजरा में बनी पेयजल सप्लाई टंकी 10 वर्षों से शोपीस की तरह खड़ा है विजय कुमार यादव ने बताया कि यह टंकी को देखकर हम लोगों को संतोष करना पड़ रहा है ग्राम पंचायत कौहट में बनी पेयजल सप्लाई टंकी लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा पा रहा है वही बिछाई गई पाइपलाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं ऑपरेटर विहीन पेयजल सप्लाई टंकी है। जल निगम के विभागीय लापरवाही के चलते सरकार के द्वारा लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए करोड़ों की लागत से बनी  पेयजल सप्लाई टंकी गैर उपयोगी बनी हुई है। क्षेत्रीय बुद्धिजीवी ग्रामीणों ने कहा कि योगी सरकार की अधिकारी व कर्मचारी जमीनी हकीकत को अनदेखा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं देखना यह है कि योगी सरकार के अधिकारी व कर्मचारी लोगों के घरों तक पानी उपलब्ध कराने में कितना दिलचस्पी दिखाते हैं। ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित कराते हुए शीघ्र पेयजल सप्लाई टंकियों को चालू करवाने की मांग की है। इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है जिसके चलते अनेक गांवों जैसे सलैया खुर्द, सलैया कला, पिपरांव, झड़ियाही, धंधुआ, ककराही, टोकवा, गडरिया मौजा, कचरा, दिघलो, सुजनी, बद्दीहा, सिरवार आदि  गांव पहाड़ी में बसे हुए हैं इन गांवों में लगे हैंडपंप भी पानी उगलना बाद कर दिए हैं जिससे पेयजल की किल्लत बढ़ गई है। जहां सरकार नल से जल की आपूर्ति की बात करती है वही सरकार को अवगत कराते हुए बताना चाहूंगा कि सिर्फ कागजों पर ही ग्रामीण नल से जल भर रहे हैं। हकीकत में तो पानी के लिए कोसों दूर दूर भटक रहे हैं।
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