विश्व जल दिवस पर पानी बचाने का लिया संकल्प
जहाॅ भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकठ्ठा करें
कुंडा-प्रतापगढ़ । सक्षम फाउण्डेशन कालाकांकर द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन अवधेशपुरम्, ऐंठू में किया गया। सक्षम फाउण्डेशन के अध्यक्ष डाॅ रणजीत सिंह ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब हर जगह कुएं, तालाब, नहर और नदियाॅं दिखाई देती थीं। लेकिन अब पानी का स्तर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। जिससे दुनियाभर में जल संकट गहराता जा रहा है। दुनियाभर के लोगों को पानी के महत्व को समझाने और स्वच्छ पानी उपलबध कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा ‘‘कैच द रेन‘‘ यानी वर्षा जल संचय अभियान का शुभारंभ भी किया जा रहा है। यह अभियान पूरे देश में चलाया जायेगा। इस अभियान का नारा होगा ‘‘जहाॅ भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकठ्ठा करें । इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ भास्कर शुक्ला ने बताया कि धरती के करीब तीन चौथाई हिस्से पर सिर्फ पानी ही पानी है, जो महासागरों, नदियों, झीलों और झरनों के रूप में है, हालांकि इसमें से केवल एक फीसदी या इससे भी कम पानी ही पीने के लिए उपयुक्त है इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हम पानी की बचत करें, ताकि भविष्य में पानी का संकट पैदा न हो, क्योंकि जल ही जीवन है, और जल के बिना जीवन जीवित नहीं रहेगा। पृथ्वी के आवश्यक तत्वों में से एक जल जीवन की प्रमुख अवश्यकता है। इसके बिना सभी जीवित प्राणी और पौधे समाप्त हो जाते हैं। बढ़ते औद्योगीकरण, अति उपयोग और सभी प्राकृतिक श्रोतों के दोहन की वजह से मानव जीवन को पानी की तीब्र कमी जैसी कुछ विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। पानी बचाने की बात सब करते हैं लेकिन पहल कोई नहीं करता। अतएव आइये हम संकल्प लें कि हम आज से ही पानी की बचत करना शुरू करेगें। इस अवसर पर सक्षम फाउण्डेशन के अध्यक्ष डाॅ रणजीत सिंह, मनीष सिंह, प्रखर शर्मा, डाॅ भास्कर शुक्ला, महेन्द्र प्रताप सिंह, रविशंकर, लवकुश, तेजप्रताप, जयशंकर प्रसाद, सूरज पटेल आदि लोगों ने सहभागिता की।