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साफ पर्यावरण और स्वस्थ शरीर की गारंटी है साइकिल की सवारी

डायबिटीज हार्ट की बीमारियों में लाभदायक है साइकिल

लोकमित्र ब्यूरो
रायबरेली। हर वर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र आम सभा द्वारा घोषित 3 जून का ये दिन पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों ही चिंताओं को एक साथ दूर करने में एक छोटा लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। बिना किसी ईंधन के चलनी वाली साइकिल पिछली दो शताब्दियों से मनुष्य की सच्ची दोस्त के रुप में साथ निभा रही है। ये ना केवल आसान है बल्कि किफायती और विश्वसनीय भी है। इंसानों के अलावा सामान को ढोने में भी साइकिल काम में आती है। एक पहिए से लेकर दो पहियों और तीन पहियों वाली साइकिल भी इस्तेमाल की जाती रही है। लेकिन आमजनों के लिए भरोसेमंद साइकिल की सवारी इसलिए पसंदीदा हो जाती है क्योंकि इसमें पेट्रोल-डीजल-बिजली का खर्च नहीं होता है। साथ ही किन्हीं जगहों पर तीन पहियों की साइकिल रिक्शा लोगों को बैठाकर लाने-ले जाने में भी काम आती है और कई आमजनों के रोजगार का साधन बनती है तो कई तीन पहिए की लोडिंग रिक्शा सामान के आवागमन का जरिया भी बनती है। आजकल बैट्ररी से चलने वाली ई-साइकिलें भी बाजारों में दिखाई देने लगी हैं। साइकिल की सबसे अच्छी बात ये है कि ये समाज के हर वर्ग की सवारी बनती है। निर्धन से लेकर अमीर वर्ग तक साइकिल सभी की जरूरतों को पूरा करती है। हालांकि साइकिल के आकार प्रकार और गुणवत्ता के आधार पर सभी की कीमतें अलग-अलग हो सकती है। इन दिनों साइकिल सवारी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के लिए शहर के कुछ मुख्य भागों में किराए की साइकिल चलाने की सुविधा भी मिलती है। किसी भी पैदल यात्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना हो तो वो उस निश्चित दूरी के लिए एक साइकिल स्टैंड से सवारी करते हुए दूसरे साइकिल स्टैंड तक जा सकता है ताकि वो निश्चित दूरी किसी यात्री बस या पैदल जाने के बजाय साइकिल की यात्रा करते हुए तेजी से जाया जा सके और इसका किराया भी मामूली होता है। साइकिल की सवारी स्वास्थ्य की गारंटी की तरह होती है। डायबीटिज और उच्च रक्त चाप के रोगियों को प्रतिदिन उचित शारीरिक गतिविधि करने की डॉक्टरी सलाह दी जाती है, ऐसे में अपने मित्रों के साथ साइकिल की सवारी ना केवल मनोरंजन करती है बल्कि हृदय और फेफड़ों को भी स्वस्थ रखने का काम करती है, साथ ही रक्त शर्करा और रक्त चाप को भी नियंत्रित रखती है। जलवायु परिवर्तन से जूझ रही पूरी दुनिया के बीच सबसे बड़ा संकट कार्बन उत्सर्जन का है। ऐसे में पर्यावरण हितैषी और प्रदूषण मुक्त सवारी के रुप में साइकिल सर्वमान्य है। साइकिल ना केवल पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाती है बल्कि शून्य कार्बन उत्सर्जित कर भविष्य की दुनिया को भी संरक्षित करती है। आमजनों के लिए इस दो पहिया सवारी की सबसे खास बात ये है कि करीब तीन हजार रुपए में एक नई साइकिल और उससे थोड़ी कम कीमत में एक सैकंड हैंड साइकिल खरीदी जा सकती है और जो वर्षों तक अपने मालिक की हमसफर बनकर चलती है और चार लोगों के एक परिवार को सहारा भी दे सकती है। साथ ही साइकिल के हैंडल पर एक टोकनी रखने से सामान रखने की सुविधा और पीछे वाले करियर पर अन्य एक्स्ट्रा सामान रखनी की सुविधा भी सुलभ और सस्ते में मिल जाती है। पहियों के आविष्कार के बाद साइकिल आवागमन का एक ऐसा साधन है जो दुनिया के हर कोने में सुलभता से उपलब्ध होती है और इसे हर उम्र और हर तरह का इंसान चला सकता है।

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